जानकारी के मुताबिक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेतृत्व में छात्रों ने दोपहर पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कलक्ट्रेट में जुटने लगे। एबीवीपी के प्रदर्शन को देखते हुए पूरा कलक्ट्रेट परिसर छावनी में तब्दील हो गया। लेकिन, कुछ ही देर में एबीवीपी का प्रदर्शन उग्र हो गया। प्रदर्शकारी सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और सख्त से सजा देने की मांग को लेकर मौके पर ही एसपी देवेन्द्र कुमार को बुलाने पर अड़ गए। समझाने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी पुलिस अफसरों से ही भिड़ गए। ऐसे में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर छात्रों को खदेड़ दिया। बाद में कुछ छात्रों ने कलक्टर के नाम एसपी को ज्ञापन सौंपा और छात्र नेताओं ने प्रकरण में आरोपियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की मांग की।
पीड़िता की सहेली के बयान दर्ज
इधर, पुलिस ने इस मामले में पीड़िता की सहेली छात्रा के बयान दर्ज किए। बुधवार को पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस मोबाइल फोन की गहनता से पड़ताल में जुटी है। गौरतलब है कि इसी सहेली के जरिए मुय आरोपी इरफान खान ने पीड़ित छात्रा की सोशल मीडिया आईडी हासिल की थी। इसके बाद उसने आईडी का इस्तेमाल कर अन्य छात्राओं को अश्लील फोटो और मैसेज भेजे थे। इरफान ने इसी आईडी से भेजी गई अश्लील फोटो व मैसेज दिखाकर ब्लैकमेल करते हुए पहले रकम और फिर देहशोषण किया था।
अब तक 6 गिरफ्तार
पुलिस प्रकरण में अब तक मुय आरोपी रातीडांग निवासी इरफान के अलावा उसके सहयोगी रातीडांग निवासी अरबाज, असलम खान, रज्जाक खान, मुबारक खान और इमरान खान को गिरतार कर चुकी है।
ब्लैकमेल कांड जैसा कुछ नहीं
पुलिस ने प्रकरण को पहले दिन से गंभीरता से लेकर मुख्य आरोपी इरफान व उसके दोस्त अरबाज को गिरफ्तार व एक बाल अपचारी को निरूद्ध किया था। चार अन्य सहयोगियों को भी गिरफ्तार कर लिया। अजमेर पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार विश्नोई का कहना है कि प्रकरण में गठित एसआईटी ने गहनता से पड़ताल की। ब्लैकमेल कांड जैसा कुछ भी सामने नहीं आया है। प्रकरण की ब्लैकमेल कांड 1992 से तुलना किया जाना भी ठीक नहीं है।