प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल मंत्रिमंडल में शामिल गुजरात बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को मंत्रिमंडल में जगह दी गई। उनके नेतृत्व में गुजरात में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। पाटिल को भाजपा का संगठन कौशल वाला अनुभवी नेता माना जाता है। यह लगातार चौथी बार जब उन्होंने नवसारी सीट से चुनाव जीता है। उन्होंने कांग्रेस के एन भूपतभाई देसाई को 773551 वोटों के अंतर से हराया। वह पहले गैर-गुजराती जिन्हें गुजरात में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। पिछले तीन चुनाव भी 5.5 लाख वोट से अधिक के अंतर से जीते थे।
साल 1989 में जब नरेंद्र मोदी बीजेपी के महासचिव हुआ करते थे, सीआर पाटिल तब सियासत में आए थे। पीएम मोदी के करीबियों में गिने जाने वाले सीआर पाटिल ने आईटीआई करने के बाद गुजरात पुलिस में कॉन्स्टेबल की नौकरी भी की थी।
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https://www.patrika.com/news-bulletin/balvatika-redevelopment-bal-vatika-will-be-redeveloped-in-kankaria-lakefront-and-its-form-will-be-changed-18760961 भाजपा नया अध्यक्ष तलाश रही लोकसभा चुनावों से पहले ही भाजपा के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष पाटिल का कार्यकाल समाप्त हो गया था मगर चुनावों की वजह से उनका कार्यकाल बढ़ाया था। अब सीआर पाटिल के मोदी मंत्री मंडल में शामिल होने के बाद बीजेपी गुजरात में नया अध्यक्ष तलाश रही है।
रविवार को मोदी 3.0 सरकार में 71 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल भी शामिल थे। पाटिल के केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनने के बाद खाली हुई है जगह के लिए भाजपा नए चेहरे की तलाश कर रही है।
जानकारी के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा किसी ओबीसी चेहरे को बनाया सकती है पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष। इस पद के लिए कई नाम चर्चा में भी चल रहे हैं। माना जा रहा है कि पार्टी एक महीने के अंदर अगले प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान कर नियुक्ति कर देगी।
नया गुजरात भाजपा अध्यक्ष हो सकता ओबीसी चेहरा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा किसी ओबीसी चेहरे की इस पद के लिए तलाश कर रही है। पार्टी में अहमदाबाद से ओबीसी चेहरे जगदीश विश्वकर्मा और पूरनेश मोदी का नाम चर्चा में बताया जा रहा है। पूर्णेश मोदी राहुल गांधी के खिलाफ मानहानी मामले के बाद से गुजरात के बड़े ओबीसी चेहरे माने जाते हैं।
हालांकि हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान क्षत्रिय समाज में बढ़ी नाराजगी दूर करने के लिए प्रदीप सिंह जाडेजा और देवू सिंह चौहान के नाम की भी चर्चा है। इस मुद्दे पर आखिरी फैसला राज्य के नेताओं की सलाह व केंद्रीय नेतृत्व के बाद ही किया जाएगा।