सुरेन्द्रनगर शहर में वर्ष 1990 से तरणेतर के मेले में त्रिनेत्रेश्वर महादेव को 52 गज की ध्वजा चढ़ाई जाती है। ध्वजा को सुरेन्द्रनगर से तैयार कर इसे पालियाद के महंत को अर्पित किया जाता है। इसके बाद ध्वजा की सभी तरह की पूजा-विधि पालियाद के महंत पूरा करते हैं, जिसके बाद इसे त्रिनेत्रेश्वर महादेव को चढ़ाया जाता है। ध्वजा चढऩे के बाद मेला का विधिवत आरंभ होता है। हाल में चार दिनों तक मेला का आयोजन किया जाएगा। मेला के प्रथम दिन मंदिर में पूजा अर्चना की जाएगी। पालियाद के महंत निर्मल बाबा मंदिर पर 52 गज की ध्वजा अर्पित करेंगे। ध्वजा का निर्माण सुरेन्द्रनगर शहर में पिछले 33 वर्ष से रहने वाले प्रफुल सोलंकी करते हैं। पहली ध्वजा 1990 में बनाई गई थी। इसके बाद से सोलंकी परिवार में हाल केयूर पिछले 15 वर्ष से पिता के साथ मिलकर तरणेतर के मेला के लिए त्रिनेत्रेश्वर महादेव के लिए ध्वजा का निर्माण करते हैं। ध्वजा की खासियत होती है कि हर साल से अलग-अलग रंग रूप और डिजाइन में होता है।