इस अवसर पर राजकोट के नए कोर्ट परिसर में ही गुजरात के पहले डिपोजिशन सेंटर का भी अनावरण किया गया। 36.520 वर्ग मीटर के निर्मित क्षेत्र के साथ यह नया पांच मंजिला जिला न्यायालय भवन 14 एकड़ परिसर में बनाया गया है। नए भवन को लगभग 750 से 800 लोगों के लिए सुविधाओं के साथ तैयार किया गया है।
राजकोट में हाई कोर्ट बेंच का कोई फैसला नहीं : पटेल राजकोट में नए जिला कोर्ट भवन के लोकार्पण के मौके पर प्रदेश के विधि व न्याय मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि राजकोट में हाई कोर्ट बेंच का कोई फैसला नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राजकोट और सौराष्ट्र के लोगों को हाई कोर्ट बेेंच का इंतजार करना होगा।
मंत्री के मुताबिक राजकोट में जिला न्याय मंदिर का सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के हाथों उद्घाटन अपने लिए गौरव का क्षण है। जिला न्याय परिसर के लिए राजय में सबसे ज्यादा जमीन राजकोट जिले को मिली है।
उन्होंने कहा कि न्याय तंत्र को त्वरित, सरल व गैर खर्चीला न्याय के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार ने न्याय तंत्र को आधुनिक बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। फिजिकल व डिजीटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रख कर काम किया गया है।
उन्होंने कहा कि नए कोर्ट परिसर में राजकोट के वकीलों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था के लिए 3.55 करोड़ रुपए की प्रशासनिक मंजूरी दी गई है। सरकार ने न्यायालय के केंद्रीय अभिलेख भवन के लिए घंटेश्वर में नौ हजार वर्ग मीटर भूमि आवंटित की है।
20 नई ई-ट्रैफिक अदालतें शुरू करने का निर्णय मंत्री पटेल ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय की अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकार ने ई-ट्रैफिक अदालतों पर बोझ कम करने के लिए 20 नई ई-ट्रैफिक अदालतें शुरू करने का निर्णय किया है। इसके अलावा राजकोट जिला मुख्यालय और धोराजी में न्यायिक अधिकारियों के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवासों की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। इस वर्ष राज्य में कोर्ट भवन और संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए 837.95 करोड़ रुपए के 570 कार्य स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में इस वर्ष जिला न्यायाधीश के 101 पदों को मंजूरी दी गई। इसके साथ 25 सीनियर सिविल जज, पांच सिविल जज सहित 131 पदों व हाईकोर्ट में 723 पदों सहित विभिन्न अदालतों में कुल मिलाकर 5449 पदों को भरने की मंजूरी दी गई है