सूत्रों के अनुसार शहीद दिवस पर भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए एबीवीपी एवं एजीयूएस की ओर से कार्यक्रम आयोजित किए गए। शहीदों को पहले पुष्पांजलि अर्पित करने के मुद्दे पर दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हुई। हालात बिगडऩे से पहले सतर्कता विभाग की टीम ने कार्यकर्ताओं को छुड़ाया। सूचना मिलने पर सयाजीगंज थाने की टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात पर काबू पाया।
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने वर्ष 2017 में 14 अगस्त को समा क्षेत्र में रिमोट कंट्रोल से सबसे ऊंचा राष्ट्रध्वज फहराया था, वह ध्वज दो वर्ष में ही फटने के कारण स्थायी तौर पर उतार लिया गया। इस स्थान पर विश्व के सभी देशों के राष्ट्रध्वज फहराने और देश के शहीदों के नाम पर पौधे रोपकर शहीद वन बनाने की परियोजना तैयार की गई थी।
वार्ड 2 के कांग्रेस नेता एल्विन थॉमस, पारस प्रजापति, मनसुख सवाणी, मनसुख भगत आदि ने आरोप लगाया कि गरीबों के झोंपड़े तोडक़र वीएमसी की ओर से सबसे ऊंचा ध्वज फहराया गया और शहीद वन के नाम पर लाखों रुपए किए गए। शहीद दिवस पर उन्होंने समा क्षेत्र में पोस्टरों के साथ प्रदर्शनकर इस स्थान पर स्थायी तौर पर राष्ट्रध्वज फहराने और शहीद वन परियोजना का कार्य पुन: शुरू करने की मांग की।