उन्होंने कहा कि गुजरात के मछुआरे भारतीय समुद्री सीमा में मछली पकड़ते हैं, लेकिन पाकिस्तानी सैनिक बंदूक की नोक पर भारतीय समुद्री सीमा में घुसकर उनका अपहरण कर लेते हैं और उनकी बोट जब्त कर लेते हैं। ऐसे कई भारतीय मछुआरे से लम्बे समय तक पाकिस्तानी जेलो ंमें नर्क की जिन्दगी जा रहे हैं। कई मछुआरों की मौत हो चुकी है। इन मछुआरों के शव पचास-पचास दिनों तक परिजनों को नहीं मिलते। एक ओर जहां मछुआरों के अपहरण से परिजन दुख होते हैं। वहीं कई लोगों की मौत के निधन के समाचार मिलने से परिजन काफी दुखी हो जाते है।
उन्होंने गिर-सोमनाथ के ऊना तालुका के पालडी गांव का मछुआरा भूपत चौहाण 5 नवम्बर, 2021 को समुद्र में मछली पकडऩे के दौरान पाकिस्तान मरीन एजेंसी ने पकड़कर जेल में बंद कर दिया। भूपत हृदयरोग के मरीज हैं और बायपास सर्जरी कराई है। ऐसे में उन्हें पाकिस्तानी जेल से छुड़ाया जाए। पिछले विधानसभा सत्र में भी पाकिस्तानी जेलों में कैद मछुआरों को छुड़ाने की गुजारिश की थी। गुजरात के करीब 444 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में कैद हैं, जिसमें 346 मछुआरों के परिजनों को सहायता दी जती है, लेकिन अभी भी 98 मछुआरों को सहायता नहीं मिलती।