नशा मुक्ति जागरूकता के लिए मांगी थी कार्यक्रम मंजूरी
मौलाना सलमान अजहरी ने 31 जनवरी को गुजरात के जूनागढ़, सेक्शन बी इलाके में नरसिंह स्कूल के मैदान में 8 से 10 बजे तक नशा मुक्ति के नाम पर कार्यक्रम के लिए लाउड स्पीकर की इजाजत मांगी गई थी। इस कार्यक्रम की मंजूरी ये कहते हुए मांगी गई थी कि अजहरी लोगों को नशा मुक्ति एवं समाजीकरण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए संबोधित करेंगे।
लेकिन उन्होंने भाषण में नशाखोरी के अलावा उम्रभेद फैलाने, तनाव पैदा करने और लोगों में नफरत पैदा करने वाला भड़काऊ भाषण दिया। इस भाषण का वीडियो वायरल होते ही हरकत में आई जूनागढ़ पुलिस ने आयोजकों समेत सलमान अज़हरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
कौन हैं मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी…
मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी खुद को एक इस्लामी रिसर्च स्कॉलर बताता है। वो जामिया रियाजुल जन्नाह, अल-अमान एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट और दारुल अमान का संस्थापक भी है। मौलाना ने काहिरा की अल अजहर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। मुफ्ती को कई सामाजिक और धार्मिक एक्टिविटी में सक्रिय भूमिका में देखा जाता। सोशल मीडिया पर उनकी लंबी फैन फॉलोइंग है ।
पुलिस ने चाक-चौबंद व्यवस्था की
आरोपी को जूनागढ़ एलसीबी द्वारा जूनागढ़ ला रहे। वहां के लोग कहीं भी एकत्रित न हों इसके लिए पूरे जिले में पुलिस द्वारा वाहन चेकिंग और चौकसी बरती जा रही। इस मामले में पुलिस की भी कड़ी व्यवस्था की गई है।
अज़हरी को एटीएस की टीम गुजरात लाकर पूछताछ करेगी, जिसके बाद जूनागढ़ पुलिस उसकी जांच करेगी। अज़हरी अपने विवादास्पद भाषणों और भड़काऊ भाषणों के लिए कुख्यात हैं। वह पहले भी ऐसे भड़कीले भाषण दे चुके हैं और उनके वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए।
पुलिस ने भीड़ पर दर्ज की एफआइआर
रविवार को मौलाना मुफ्ती सलमान अजहरी को गुजरात पुलिस द्वारा मुंबई से गिरफ्तार कर घाटकोपर पुलिस स्टेशन में रखा गया था। इसके बाद मौलाना के हजारों समर्थकों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हुए पुलिस स्टेशन को घेर लिया। फिर पुलिस ने हल्के बल का उपयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। थाने के बाहर इकट्ठी हुई भीड़ के खिलाफ मामला दर्ज किया है।