इसी दौरान यहां पास में रहने वाली रही श्वेता परमार नाम की महिला ने सतर्कता दिखाई और जहां श्वान भौंक रहे थे, वहां जाकर देखा तो वहां एक नवजात झाडि़यों में पड़ा था। वह जिंदा हालत में था, रो रहा था, जिससे उसने नवजात को गोद में लिया। पुलिस को सूचना दी। नवजात को पास के अर्बन हेल्थ सेंटर और फिर वहां से सोला सिविल अस्पताल लेकर पहुंची, जिससे नवजात बालक की जिंदगी बच गई।
चंद मिनटों में ही खोजी श्वान ने फेंकने वाली मांग को खोजा
अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस के अनुसार इस घटना की सूचना मिलने पर टीम घटनास्थल पर पहुंची। वहां पर उसे एक दुपट्टा मिला। ग्रामीण पुलिस ने अपने खोजी श्वान चेज़र की मदद ली। चेजर ने मौके पर मिले दुपट्टे को सूंघने के बाद कुछ ही देेर में इस नवजात बालक को झाडि़यों में फेंकने वाली उसकी मां को खोज निकाला।पुलिस ने बताया कि खोजी श्वान चेजर दुपट्टा सूंघने के बाद घटनास्थल से बमुश्किल पांच सौ मीटर दूरी पर स्थित एक मकान में पहली मंजिल पर पहुंचा। इस मकान में रहने वाली एक युवती को देखकर वह लगातार भौंकने लगा। पुलिस ने उस युवती से पूछताछ की तो पूरे घटना की तस्वीर साफ हो गई। यह युवती राजस्थान की रहने वाली है। अविवाहित है। उसे एक युवक से प्रेम संबंध थे। इस दौरान उसे गर्भ ठहर गया, जिससे उसने इस नवजात बालक को जन्म दिया। लोकलाज और बदनामी के डर से उसने अपने नवजात बालक को यहां पास ही झाडि़यों में फेंक दिया था। पुलिस का कहना है कि नवजात बालक की हालत अच्छी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसके डीएनए सैंपल और उसे फेंकने वाली उसकी मां युवती के डीएनए सैंपल लिए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में युवती के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस युवती की आयु के संबंध में भी जांच कर रही है।
गृह राज्यमंत्री ने खोजी श्वान, महिला के प्रयास को सराहा
गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने इस मामले में खोजी श्वान चेज़र के कार्य और महिला श्वेता परमार के प्रयासों की सराहना की। इसके साथ ही अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस की त्वरित कार्रवाई और टीमवर्क को भी सराहा। इससे एक नवजात को फेंकने के मामले को तत्काल सुलझाया जा सका।