Gujarat: चुंदड़ी वाले माताजी’ को दी गई समाधि
पालनपुर. करीब 76 वर्षों से बिना अन्न जल के जीवन जीने वाले ‘चुंदड़ी वाले माताजीÓ के नाम से प्रसिद्ध प्रहलाद जानी को गुरुवार को समाधि दी गई। गुरुवार सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अंबाजी पर्वत (गब्बर) स्थित आश्रम पर समाधि दी गई।
93 वर्ष की आयु में सोमवार को गांधीनगर जिले की माणसा तहसील के चराडा गांव में देहत्याग करने वाले जानी के पार्थिव शरीर को अंबाजी में भक्तों के दर्शनार्थ रखा गया था। पर्वत स्थित आश्रम में भक्तों ने अंतिम दर्शन किए। कोरोना महामारी के चलते कुछ भक्तों व परिजनों ने ही अंतिम संस्कार की विधि में हिस्सा लिया। अंबा माता के परम भक्त जानी ने करीब 17 वर्ष की उम्र में ही अन्न, जल का त्याग कर दिया था।
जानी तब सुर्खियों में आए थे जब कई दशकों तक बिना अन्न और जल के रहने का दावा किया था। उनका जीवन चिकित्सकों व वैज्ञानिकों को आश्चर्य चकित करने वाला रहा।
जानी के शरीर को लेकर वर्ष 2003 और वर्ष 2010 में दो बार अहमदाबाद के स्र्टलिंग अस्पताल के तत्कालीन प्रख्यात न्यूरोसर्जन पद्म श्री डॉ सुधीर शाह के नेतृत्व में चिकित्सकों की एक टीम ने भारतीय रक्षा मंत्रालय के तहत संस्थान डिफेन्स इंस्टीट्यूट फॉर फिजियोलोजी एंड एप्लाइड साइंसेज (दिपास) के साथ मिलकर जानी पर शोध भी किया था।