सीएम ने खुशी जताई
भूपेन्द्र पटेल बोले गरबा के रूप में देवी मां की भक्ति की सदियों पुरानी परंपरा जीवित है और बढ़ रही है, उससे खुश हुं। गुजरात की पहचान बन चुके गरबा को यूनेस्को ने अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची के तहत मंजूरी दी है यह बेहद गर्व की बात है। यह दुनिया भर में फैले गुजरातियों के लिए गौरव का क्षण है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश की विरासत को महत्व दिए जाने और ऐसी विरासत को दुनिया भर में ले जाने का परिणाम है। गुजरात के लोगों को बधाई।
गुजरात का गरबा नृत्य इस सूची में शामिल होने वाला भारत की 15वीं अमूर्त सांस्कृतिक विरासत है। भारत की परंपराओं या सांस्कृतिक आयोजन जैसे कि रामलीला, वैदिक मंत्रोच्चार, कुंभ मेला और दुर्गा पूजा को पहले ही यूनेस्को सूची में जगह मिल चुकी है। यूनेस्को के इस फैसले पर गरबा आयोजकों ने भी हर्ष व्यक्त किया है।
कुछ महीने पहले UNWTO ने गुजरात के कच्छ जिले के धोरडो गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज की सूची में शामिल किया था। उसके बाद अब यह उपलब्धि राज्य के लोगों के लिए गौरव का क्षण है।
पीएम मोदी को है श्रेय
गुजरात में गरबा में आयोजनों का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन गुजरात के गरबा को देश और दुनिया में चर्चा तब मिली जब राज्य की कमान बतौर सीएम नरेंद्र मोदी ने संभाली। उन्होंने वाइब्रेंट गुजरात समिट जैसे बड़े मौकों पर भी गुजरात के सांस्कृतिक नृत्य को शोकेस किया। इतना ही नहीं उन्होंने बड़े पैमाने पर गरबा आयोजनों को बढ़ावा दिया। इन्हें उन्होंने नवरात्रि गरबा महोत्सव का नाम दिया। इसके बाद पिछले दो दशकों में गुजरात के गरबा को ज्यादा प्रसिद्धि मिली।