Gujarat news : गुजरात के अहमदाबाद से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। हमने फर्जी डॉक्टरों को छोटे-मोटे जनरल क्लीनिक चलाते देखा है, लेकिन यहां ग्रामीण इलाकों में एक फर्जी डॉक्टर पूरा मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल चला रहा था। यह डॉक्टर दो फर्जी अस्पताल चला रहा था। यह अब तक इलाज के नाम पर मरीजों से लाखों रुपए वसूल उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा था। मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने फर्जी डॉक्टर (fake doctor) के दोनों हॉस्पिटल को सील कर दिया।
यह कार्रवाई सानंद के मोरैया में की गई है। यहां मोरैया जनरल हॉस्पिटल के नाम से मेहूल चावडा नाम का फर्जी डॉक्टर अस्पताल चला रहा था। फिलहाल आरोपी अपने नर्सिंग स्टाफ के साथ फरार है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस मामले में आगे की जांच पड़ताल में जुटी है।
फर्जी डॉक्टर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल चला रहा अहमदाबाद जिले के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी की टीम ने प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक मोरैया जनरल हॉस्पिटल पर छापा मारा। मगर छापेमारी से पहले ही फर्जी डॉक्टर (Fake doctor) मेहुल चावड़ा अस्पताल के उपकरण व स्टाफ के साथ फरार हो गया था।
इलाज के दौरान बच्ची की मौत जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम को एक वायरल वीडियो मिला, जो मृत बच्ची के परिवार ने अपलोड किया था। इसके मुताबिक, बेटी को किसी बीमारी के चलते सुबह बावला स्थित अनन्या मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था और रात में उसकी मौत हो गई। इस वीडियो में परिवार कह रहा है कि सुबह बेटी ठीक थी। डॉक्टर से बार-बार रिपोर्ट मांगने के बावजूद रिपोर्ट नहीं दी। अस्पताल ने 1.50 लाख रुपए इलाज शुल्क लिया।
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अनन्या मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल पर भी पुलिस का छापा अहमदाबाद जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ शैलेष परमार जिले में झोला छाप चिकित्सकों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने डॉ. मेहुल चावडा के ही संचालन में चल रहे अनन्या हॉस्पिटल को सील किया था। एक वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने तथ्यों का पता लगाने के लिए वीडियो की जांच की। जिसके बाद जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सीडीएचओ डॉ. शैलेश परमार के नेतृत्व में बावला स्थित अनन्या मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल पर पुलिस के साथ छापा मारा था। यह छापा 10 जुलाई को मारा गया था। जिसमें बात सामने आई थी की एक शख्स बिना किसी डिग्री के डॉक्टर बनकर मरीजों की जान खतरे में डाल रहा है। फर्जीवाड़े का जाल पिछले दिनों राजकोट जिला प्रशासन ने गौरी प्री प्राइमरी स्कूल के नाम से चल फर्जी स्कूल को सील किया था। यहां अंग्रेजी व हिंदी माध्यम में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जा रहा था। बीते साल भी गुजरात में एक फर्जी टोल नाका पकड़ा गया था। उसके बाद एक फर्जी सरकारी कार्यालय चलने का मामला भी सामने आया था।