वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से वर्ष 2013 में किए गए एक सर्वे में यह बताया गया कि शेरों व मालधारियों की एक दूसरे पर निर्भरता का बेहतरीन संबंध है जिससे मालधारियों का आर्थिक रूप से फायदा हुआ। यह पशुपालन पर निर्भर हैं और दूध व दूध से बने अन्य उत्पाद बेचते हैं।
वर्षों से है मालधारी और शेरों का सह-असित्तव मालधारी ने कभी शेरों को नुकसान नहीं पहुंचाया और न ही शेरों ने कभी मालधाारियों को नुकसान पहुंंचाया। मालधारी गिर जंगल के अंदर अपने पशु चराते हैं और यह भी हकीकत है कि शेर उनके पशुओं को मार डालते हैं, लेकिन फिर भी मालधारी व शेरों का सह अस्तित्व वर्षों से है।
दुष्यंत वसावडा, मुख्य वन संरक्षक, वाइल्ड लाइफ सर्कल, जूनागढ़
मालधारी व शेर रहते हैं एक परिवार की तरह मालधारी व शेर एक परिवार की तरह रहते हैं। कभी-कभार भूलवश कभी कोई शेर मालधारी के पशुओं को मार भी देता है वे इसकी किसी से कभी शिकायत नहीं करते। इस तरह मालधारी व शेरों की एक दूसरे पर निर्भरता से जंगल व पर्यावरण दोनोों को लाभ होगा।
-भीखू भाई जेठवा, प्रमुख, लायन नेचर फाउंडेशन