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अहमदाबाद: आत्महत्या रोकने को ब्रिज, सुसाइड स्पॉट का अध्ययन करेगी पुलिस

एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, मिसिंग सेल पीआई को सौंपी जिम्मेदारी, रिपोर्ट के आधार पर उठाए जाएंगे जरूरी कदम, पांच साल के आंकड़ों की होगी स्टडी

अहमदाबादNov 28, 2024 / 10:45 pm

nagendra singh rathore

Sabarmati riverfront
अहमदाबाद शहर के मध्य से गुजर रही साबरमती नदी साबरमती रिवरफ्रंट के लिए आज पूरे गुजरात ही नहीं बल्कि देशभर में प्रसिद्ध है। यह घूमने-फिरने का नया स्थल बनकर उभरा है, लेकिन इसके साथ ही यह सुसाइड स्पॉट भी है। यहां हर साल सौ से ज्यादा लोग नदी में छलांग लगाकर अपनी जिंदगी खत्म कर लेते हैं। सुसाइड की इन घटनाओं को देखते हुए अहमदाबाद शहर पुलिस ने एक अनूठी पहल शुरू की है। इसके तहत साबरमती नदी पर बने ब्रिजों व जहां से कूदकर लोगों ने आत्महत्या की हैं उन स्थलों का पुलिस अध्ययन करेगी। इसके आधार पर अपनी रिपोर्ट देगी, जिसमें सुसाइड को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, उसके आधार पर पुलिस अहमदाबाद महानगर पालिका के साथ मिलकर योजना बनाएगी।
शहर क्राइम ब्रांच के उपायुक्त अजीत राज्यान ने बताया कि आत्महत्या की घटनाएं भी कैसे रोकी जाएं उस दिशा में पुलिस कदम उठा रही है। ऐसी घटनाएं जहां ज्यादा हुई हैं, उन ब्रिजों और स्पॉट को चिन्हित किया जाएगा। इसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और कैसे इसे रोका जा सकता है, उस पर विद्यार्थियों, डाटा एनालिस्ट और डिजाइनरों के साथ मिलकर इसे रोकने से जुड़े कदम उठाए जाएंगे। जहां जरूरत होगी वहां पर जागरुकता बोर्ड लगाएंगे और काउंसिलिंग, डिजाइन में सुधार किया जाएगा। इसके लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और मिसिंग सेल पीआई को अध्ययन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस अध्ययन के तहत पांच साल में साबरमती नदी में कितने लोगों ने छलांग लगाकर या कूदकर आत्महत्या की है। कहां कहां पर की है, कैसे और कहां से छलांग लगाई है, उसका अध्ययन किया जाएगा।
साबरमती पश्चिम-पूर्व रिवरफ्रंट थाने में 5 साल में पांच सौ से ज्यादा आकस्मिक मौत दर्ज

सूत्रों के तहत साबरमती नदी के पश्चिम रिवरफ्रंट और पूर्व रिवरफ्रंट इलाके में बीते पांच सालों में 2020 से अब तक पांच सौ से ज्यादा आकस्मिक मौत के मामले दर्ज हुए हैं। अर्थात इतने शव नदी से निकाले गए हैं, जिसमें ज्यादातर के आत्महत्या करने की आशंका है। कितने आत्महत्या के मामले हैं और कितने हादसे के हैं उसका भी अध्ययन किया जाएगा।
2023 में 181 ने की आत्महत्या, 80 फीसदी में नहीं बचा सके जान

अहमदाबाद फायरब्रिगेड सूत्रों के तहत वर्ष 2023 में फायरब्रिगेड टीम को नदी में आत्महत्या के लिए लोगों के छलांग लगाने से जुड़े 205 कॉल मिले थे, जिसमें से 181 लोगों के शव निकाले गए। यानि करीब 88 फीसदी लोगों को नहीं बचाया जा सका। यह आंकड़ा 2018 के बाद सबसे ज्यादा है। दरअसल 10 किलोमीटर लंबे साबरमती रिवरफ्रंट और शहर के पट्टे में नदी में छलांग लगाने वाले लोगों को बचाने के लिए तीन ही रेस्क्यू टीम कार्यरत हैं। साबरमती नदी के ब्रिजों पर जाली लगाई है, तब से ब्रिज से कूदने की घटनाएं कम हुई हैं, लेकिन अब लोग साबरमती रिवरफ्रंट के वॉक वे से नदी में छलांग लगा देते हैं। दो से तीन मिनट में व्यक्ति की डूबने से मौत हो जाती है, ज्यादातर मामलों में रेस्क्यू टीम के पहुंचने में 10 मिनट व उससे ज्यादा का समय लगता है।

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