Two Real Brothers Suicide: हैवान बनी पुलिस! टॉर्चर से परेशान दो सगे भाइयों के सुसाइड से मचा हड़कंप, आगरा में तनाव
Two Real Brothers Suicide: यूपी की ताजनगरी आगरा में पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। यहां पुलिस प्रताड़ना से परेशान होकर दो भाइयों ने आत्महत्या कर ली। मामले की जानकारी होते ही पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा है। वहीं गांव में तनावपूर्ण सन्नाटा पसरा हुआ है।
Two Real Brothers Suicide: हैवान बनी पुलिस! टॉर्चर से परेशान दो सगे भाइयों के सुसाइड से मचा हड़कंप, आगरा में तनाव
Two Real Brothers Suicide: आगरा के बरहन में बड़ी घटना सामने आई है। 3 दिन पहले सादाबाद पुलिस टॉर्चर से परेशान जिस युवक ने फांसी लगा ली थी। आज उसी के बड़े भाई ने भी पुलिस से परेशान होकर सुसाइड कर लिया। बड़े भाई का शव खेत में पेड़ से लटका मिला है। दो भाइयों की मौत से गांव में कोहराम मच गया। गांव वालों आक्रोश में हैं। उन्होंने चौकी इंचार्ज को मौके से भगा दिया है। मामला बरहन थानक्षेत्र के रूपधनू गांव का है। गांव में तनाव का माहौल है।
आगरा के बरहन थानाक्षेत्र में दो भाइयों की मौत से लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश है। लोग लगातार पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। आरोप है कि बड़ा भाई अपने छोटे भाई को इंसाफ दिलाने के लिए FIR लिखाना चाहता था, लेकिन पुलिस ने एक्शन नहीं लिया। थाना बरहन के गांव रूपपुर के रहने वाले किसान संजय सिंह का साला सादाबाद में एक युवती को भगा कर ले गया था। सादाबाद में इसका मुकदमा दर्ज हुआ था। सादाबाद पुलिस ने साले को पकड़ने के लिए संजय सिंह को उठाया था।
आरोप है कि उसे सादाबाद पुलिस ने यातनाएं दी थीं। बाद में शांतिभंग में चालान कर उसे छोड़ दिया था। पुलिस ने उससे कहा था कि लड़की नहीं मिली तो फिर थाने ले आएंगे। शनिवार को पुलिस ने उसे फिर से थाने बुलाया गया था। पुलिस की यातना और धमकी से आहत होकर संजय ने शनिवार को अपने गांव में खेत में पेड़ से लटककर फांसी लगा ली थी।
छोटे भाई के बाद बड़े ने किया सुसाइड तो गांव में फैला आक्रोश
छोटे भाई संजय की चिंता की आग अभी ठंडी नहीं हुई थी कि सोमवार दोपहर को बड़े भाई प्रमोद सिंह ने भी उसी जगह पर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। जहां छोटे भाई ने फांसी लगाई थी। लोगों ने शव को पेड़ से लटके देखा तो हर कोई सन्न रह गया। गांव के लोग इकट्ठा हो गए। परिजनों और गांव वालों का आरोप है कि छोटे भाई की सुसाइड के बाद प्रमोद उसकी FIR कराने के लिए पुलिस के चक्कर काट रहा था। मगर, यहां पर उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इसको लेकर प्रमोद काफी दुखी था, इसके चलते ही उसने सुसाइड कर लिया है।
आगरा में बतौर होमगार्ड पुलिस विभाग में तैनात था प्रमोद सिंह
प्रमोद आगरा में होमगार्ड के रूप में तैनात था। छोटे भाई की मौत के समय प्रमोद ने रोते हुए कहा था- मेरे भाई को पुलिस ने बेवजह फंसाया गया है। उसे यातनाएं दी गई थी। संजय की मौत के बाद भी परिजनों और ग्रामीणों ने हंगामा किया था। वो सीओ और दरोगा के निलंबन की मांग पर अड़े थे। उस समय पुलिस ने उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाकर शांत कर दिया था। दूसरे भाई के सुसाइड करने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने आवंलखेड़ा पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस वालों का जमकर विरोध किया। गांव में पुलिस कर्मियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है, गांव में तनाव का माहौल है।
पुलिस ने संजय को दी थी अंजाम भुगतने की धमकी
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की पिटाई से आहत किसान ने सुसाइड कर लिया। हाथरस पुलिस ने आगरा के किसान संजय सिंह को 3 दिन थाने में रखकर पीटा। वजह थी कि उसका साला नाबालिग लड़की को भगा ले गया। पुलिस उसे घर से उठाकर ले गई। छोड़ते वक्त उससे कहा 22 जून तक साले और लड़की को लेकर थाने में हाजिर हो जाना, वरना अंजाम बुरा होगा। आज पुलिस की ओर से दी गई चेतावनी का अंतिम दिन था। उसका साला लड़की लेकर नहीं वापस आया। इस डर से उसने गांव के बाहर पेड़ से फंदा लगाकर जान दे दी।
संजय सिंह के घरवालों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
घरवालों ने बताया- 9 जून की रात किसान संजय सिंह (45) को हाथरस की सादाबाद पुलिस उठा कर ले गई थी। 11 जून तक सादाबाद थाने में रखा। फिर शांतिभंग में चालान कर छोड़ दिया। थाने में जमकर पिटाई की। संजय को वॉर्निंग दी कि 22 जून तक लड़की मिल जानी चाहिए। आज उसे बुलाया था। इस डर उसने फांसी लगा ली। मामले की जानकारी मिलने पर अपर पुलिस अधीक्षक हाथरस अशोक सिंह कुमार मौके पर पहुंचे। लेकिन, गांव वालों ने शव उतारने से रोक दिया। ग्रामीणों ने कहा- आरोपी दरोगा और सिपाही पर कार्रवाई के बाद ही शव उतारने देंगे।
किसान के बड़े भाई प्रमोद ने कहा- वह होमगार्ड हैं। उनके भाई संजय सिंह का साला सादाबाद से लड़की भगा कर ले गया। उस समय वह चुनाव ड्यूटी पर थे। 14 अप्रैल को गया, 2 जून को लौटा था। इसके बाद घर में क्या हुआ पता नहीं। संजय को छोड़ने के बाद 11 जून की शाम पुलिस ने मुझे और मेरे छोटे बेटे प्रवीण को उठा लिया। हवालात में बंद कर रखा। मैं बोलता रहा कि मुझसे कोई वास्ता नहीं, मैं तो चुनाव ड्यूटी पर था।
दरोगा ने 1 लाख रुपए की डिमांड की
प्रमोद ने बताया- मेरा और मेरे छोटे बेटे का कोई दोष नहीं, बड़ा बेटा भले लड़के-लड़की को रिश्तेदारी के नाते कहीं छोड़ आया होगा। बाकी उसका कोई दोष नहीं। सादाबाद थाने के दरोगा ने हमसे 1 लाख रुपए की डिमांड की। बोला कि रुपए दे दो तो केस में तुम्हारा और बेटे का नाम नहीं आएगा। आज सुबह संजय ने गांव के बाहर खेत में पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
एसीपी केशव चौधरी ने पुलिस के बचाव में दिया बयान
एडिशनल पुलिस कमिश्नर केशव चौधरी ने कहा परिजनों का आरोप है कि सादाबाद पुलिस लड़की भगाने के केस में पूछताछ के लिए संजय को ले गई थी। इसी प्रताड़ना से सुसाइड का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मृतक के परिजनों को कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद ग्रामीणों ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने दिया। एसीपी ने कहा मृतक के परिजनों ने जो शिकायत की है, उसकी जांच CO सादाबाद गोपाल सिंह करेंगे। जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई जरूर होगी।
विधायक धर्मपाल ने कहा संजय को सादाबाद थाने में रखा गया। उसका उत्पीड़न किया गया। ये भी संज्ञान में आया कि दरोगा ने रिश्वत भी ली। जो भी दरोगा या SO दोषी होगा, उस पर कार्रवाई कराएंगे। पीड़ित परिवार बहुत गरीब है, उनकी आर्थिक मदद की जाएगी।
-आगरा से प्रमोद कुशवाहा की रिपोर्ट
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