New Laws in India: नाबालिग से दुष्कर्म में मृत्युदंड का प्रावधान, एक जुलाई से लागू नए कानून, जानें क्या है खास?
New Laws in India: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में एक जुलाई से नए कानून लागू हो जाएंगे। आगरा में पुलिस कमिश्नर जे रवींद्र गौड़ ने पुलिसकर्मियों को इसकी ट्रेनिंग दी। साथ ही इन कानूनों का शत प्रतिशत पालन करने के सख्त निर्देश दिए हैं। आइए जानते हैं।
New Laws in India: एक जुलाई से लागू होंगे ये नए कानून, गैंगरेप समेत इन मामलों में कड़ा हुआ सजा का प्रावधान, कमिश्नर ने दिया प्रशिक्षण
New Laws in India: अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) दो दिन बाद निष्प्रभावी हो जाएंगी। एक जुलाई से इनकी जगह भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होने जा रहा है। नए कानून में कई बदलाव किए गए हैं। अब 12 से अधिक और 18 के कम आयु के नाबालिग से दुष्कर्म में मृत्युदंड की व्यवस्था की गई है। पुराने कानून में आजीवन कारावास की व्यवस्था थी।
आगरा पुलिस कमिश्नर जे रवींद्र गौड़ ने परखीं तैयारियां
पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड ने बताया कि नए कानून को लागू करने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार है। पुराने मुकदमों में चार्जशीट और विचारण आइपीसी के तहत ही होगा। एक जुलाई से मुकदमे नए कानून के तहत ही दर्ज किए जाएंगे। थाना प्रभारियों और विवेचकों से लेकर थाने के अन्य स्टाफ को आनलाइन प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रत मेहरा ने बताया कि नए कानूनों में कुछ अपराधों की सजा बढ़ाई गई तो कुछ में जुर्माना बढ़ा दिया गया है। कुछ में नई परिभाषाएं जोड़ी गई हैं। भारतीय न्याय संहिता के तहत अब सामूहिक दुष्कर्म धारा 70 में आएगा। आइपीसी में यह धारा 376 डी के तहत आता था। सामूहिक दुष्कर्म में बालिग पीड़िता के मामले में सजा पूर्ववत ही है।
एक जुलाई से लागू होंगे ये नए कानून, गैंगरेप समेत इन मामलों में कड़ा हुआ सजा का प्रावधान, कमिश्नर ने दिया प्रशिक्षण
गैंगरेप के मामले में आजीवन कारावास के साथ मृत्युदंड का प्रावधान
मगर, नाबालिग पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म उपधारा 70 (2) में आएगा। इसमें आजीवन कारावास के साथ ही वैकल्पिक दंड के रूप में मृत्यु दंड भी रखा गया है। जबकि यह पहले केवल 12 वर्ष से कम आयु की पीड़िता के मामले में ही होता था। दुष्कर्म पर अब धारा 376 की जगह धारा 66 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के मामले में अब धारा 69 के तहत मुकदमा दर्ज होगा। इसमें सजा दो वर्ष से लेकर अधिकतम 10 वर्ष तक की हो सकेगी। आइपीसी में अब तक झांसा देकर दुष्कर्म करने का मामला भी धारा 376 में ही शामिल होता था।
नए कानूनों में ये है खास
तलाशी और जब्ती के दौरान वीडियोग्राफी जरूरी।
पहली बार अपराध पर हिरासत अवधि कम, एक तिहाई सजा पूरी करने पर जमानत।
90 दिन में शिकायतकर्ता को जांच रिपोर्ट देना अनिवार्य।
गिरफ्तार व्यक्ति की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।
डिजिटल एवं तकनीकी रिकॉर्ड दस्तावेजों में शामिल।
लोक सेवकों के खिलाफ मामलों में 120 दिन में निर्णय अनिवार्य।
छोटे और कम गंभीर मामलों के लिए समरी ट्रायल अनिवार्य।
इलेक्ट्रानिक माध्यम से शिकायत के तीन बाद थाने जाकर कर सकेंगे हस्ताक्षर। 60 दिन के भीतर आरोप होंगे तय, मुकदमा समाप्त होने के 45 दिन में निर्णय।
दुष्कर्म व एसिड अटैक के मामले में वियेचना के दौरान पीड़िता का बयान महिला मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया जाएगा। महिला मजिस्ट्रेट की अनुपस्थिति में पुरुष मजिस्ट्रेट महिला अधिकारी की मौजूदगी में बयान दर्ज करेंगे।
अपराध में किसी बालक को शामिल कराने वाले को तीन से 10 वर्ष तक की सजा की व्यवस्था की गई है।
पांच व उससे अधिक व्यक्त्तियों की भीड द्वारा मूल वंश, जाति, समुदाय, लिंग व अन्य आधार पर किसी व्यक्ति की हत्या पर आजीवन कारावास से मृत्युदंड तक की सजा।
विदेश में रहकर अथवा रहने वाला कोई व्यक्ति यदि कोई घटना कराती है तो वह भी आरोपित बनेगा।
राजद्रोह के स्थान पर भारत की संप्रभुता, एकता व अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्य को धारा 152 के तहत दंडनीय बनाया गया है। आइपीसी में दी गई राजद्रोह की धारा 124- ए पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। चोरी एक से अधिक बार करने वाले को पांच वर्ष तक के कारावास की सजा।
एफआइआर की प्रति अब सूचनादाता के साथ-साथ पीडित को भी मुफ्त दी जाएगी। तीन से सात वर्ष से कम की सजा वाले अपराध में थानाध्यक्ष, पुलिस उपाधीक्षक अथवा उससे वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति लेकर एफआइआर दर्ज करने से पहले 14 दिन के भीतर प्रारंभिक जांच कर सकेंगे।
निजी व्यक्ति द्वारा किसी आरोपित को पकड़ने पर उसे छह घंटे के भीतर पुलिस के हवाले करना होगा।
गभीर अपराध की सूचना पर घटनास्थल पर बिना विचार करे शून्य पर एफआइआर दर्ज होगी। ई-एफआइआर की दशा में सुचना देने वाले व्यक्ति को तीन दिन के भीतर हस्ताक्षर करने होंगे।
छोटे अपराध जिनमें तीन वर्ष से कम की सजा है, उनमें आरोपित यदि 60 वर्ष से अधिक आयु का है अथवा गंभीर बीमार/आशक्त है तो उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस उपाधीक्षक या उससे वरिष्ठ अधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य।
-आगरा से प्रमोद कुशवाह की रिपोर्ट
Hindi News/ Agra / New Laws in India: नाबालिग से दुष्कर्म में मृत्युदंड का प्रावधान, एक जुलाई से लागू नए कानून, जानें क्या है खास?