देश भर में ये चल रही मौसम (Weather) प्रणाली
आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक मो. दानिश ने बताया कि लक्षद्वीप और आस-पास के इलाकों में चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव में कर्नाटक और गोवा तट के पास पूर्वी मध्य अरब सागर पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। अगले 24 घंटों के दौरान इसके उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ने की उम्मीद है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश ने आगे बताया कि उत्तरी बांग्लादेश और आस-पास के इलाकों में एक कम दबाव का क्षेत्र उसी क्षेत्र में बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। अगले 48 घंटों के दौरान इसके पश्चिम दिशा में पश्चिम बंगाल की तरफ बढ़ने की उम्मीद है। औसत समुद्र तल पर मानसून ट्रफ अब श्री गंगानगर, हिसार, आगरा, सतना, रांची, बांकुरा, उत्तरी बांग्लादेश पर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र से होकर पूर्व दक्षिण-पूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रही है।
उत्तर प्रदेश के ऊपर बना चक्रवाती परिसंचरण कराएगा बारिश
दूसरी ओर चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके साथ ही झारखंड के ऊपर एक और चक्रवाती परिसंचरण है। जबकि उत्तर-पूर्व अरब सागर और उससे सटे गुजरात के ऊपर समुद्र तल से 4.5 से 5.8 किलोमीटर ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण है। इसके चलते 24 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के इलाकों में एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ को जम्मू कश्मीर के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा रहा है। यह भी पढ़ें