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आगरा

बिजली का कहर! बच्चे बेचने को मजबूर हुआ युवक, 40 गज के मकान का 10 लाख 60 हजार भेज दिया बिल

UP News: यूपी की ताजनगरी आगरा निवासी युवक का 40 गज में मकान है। डीवीवीएनएल यानी दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने उनके पास 10.60 लाख का बिजली का बिल भेज दिया है। इन्हें ओटीएस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

आगराDec 19, 2023 / 12:22 pm

Vishnu Bajpai

Agra DVVNL: उत्तर प्रदेश में बिजली की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसके साथ ही बिजली मूलभूत जरूरतों में से एक है। पीने के पानी से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक बिजली पर निर्भर हो चुकी है। ऐसे में ‌अगर किसी घर की सालभर के लिए बिजली काट दी जाए तो उसकी सारी व्यवस्‍थाएं ही चौपट हो जाती हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो आगरा में ऐसे करीब 66 हजार केस हैं। जिनके घरों में बिजली नहीं है। यह लोग सरकारी दफ्तरों और टोरंट पावर कंपनी के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। वहीं जिनके घरों में बिजली सप्लाई दी जा रही है। वहां भारी भरकम बिल भेजकर उन्हें परेशान किया जा रहा है। ऐसा ही मामला आगरा के मोतीलाल नेहरू रोड का सामने आया है।
दरअसल, मोतीलाल नेहरू रोड के पास रहने वाले सतीश चंद का कहना है कि उनका मकान 40 गज का है। आगरा डीवीवीएनएल ने उनके घर 10.60 लाख रुपये का बिजली बिल भेजा है। सतीश का कहना है कि उनके पास जो डीवीवीएनएल की ओर से नोटिस आया है, उसमें होटल संचालन का जिक्र किया गया है। इसे सही कराने के लिए वह अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। ऐसे में इस बिल को चुकाने के लिए वह इतने मजबूर हैं कि अपने बच्चों को बेचने की बात कह रहे हैं। सतीश चंद ने बताया कि वह ‌एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। उन्हें मात्र 16 हजार रुपये महीने की तनख्वाह मिलती है।
वहीं आगरा के लोहामंडी निवासी पेशे से वकील राकेश शर्मा की भी समस्या कुछ ऐसी ही है। राकेश का कहना है कि उन्होंने अपने भाई से एक मकान खरीदा। इस मकान पर साढ़े चार लाख रुपये बिजली ‌बिल बाकी है। इसके लिए वह ओटीएस स्कीम का लाभ लेते हुए इस बिल को जमा कराना चाहते हैं, लेकिन दस्तावेजों को पूरा करने में ऐसा फंसे हैं कि अब उन्हें लगता है यह समस्या ही हल नहीं हो पाएगी। वहीं लोहामंडी निवासी सुमित चौधरी ने बताया कि वह अपनी मां सुमित्रा को साथ लेकर रोज सुबह 7 बजे डीवीवीएनएल दफ्तर पहुंच जाते हैं। शाम छह बजे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के जाने के बाद लौटते हैं, लेकिन पिछले एक साल से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया।

आगरा में साल 2010 से टोरंट पावर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बिजली सप्लाई की व्यवस्‍था देख रही है। साल 2010 से पहले यह व्यवस्‍था डीवीवीएनएल यानी दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के पास थी। इस समय टोरंट पावर कंपनी के पास आगरा में पांच लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं।
आगरा के नगला अजीता निवासी गुड़िया पारस बताती हैं “मैंने प्रो राटा बेसिस पर साल 2020 में टोरंट पावर कंपनी से बिजली कनेक्‍शन लिया था। जिस प्रॉपर्टी पर बिजली कनेक्‍शन लिया। उसके एक चौथाई हिस्से पर मेरा हक है। टोरंट पावर कंपनी ने उन्हें 44,892 रुपये जमा करने के बाद बिजली का कनेक्‍शन दिया। इसके बाद मैं लगातार बिजली बिल जमा कर रही हूं। इसके बावजूद दिवाली से दो दिन पहले मेरा बिजली का कनेक्शन काट दिया। मेरे घर पर टोरंट पावर ने एक नोटिस चस्पा किया है। इसपर एक लाख 80 हजार रुपये की बकाएदारी बताई गई है।”

इस मामले में डीवीवीएनएल के वाणिज्य निदेशक एसके गुप्ता ने बताया कि उपभोक्ताओं की समस्याओं के लिए यमुना बैंक पर एक्सईएन स्तर के एक नये अधिकारी की तैनाती की जा रही है। जो सिर्फ टोरंट पावर के विवादों को सुनेंगे। इसके साथ ही पुराने बिलों पर ओटीएस स्कीम के तहत ब्याज माफ की जा रही है। योजना 31 दिसंबर तक जारी रहेगी।

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