यहां हुई बैठक
सिविल सोसाइटी आॅफ आगरा ने भलेरा के जूनियर हाई स्कूल में किसानों के साथ बैठक की। सभी किसानों ने पुरजोर मांग की कि प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव के लिये अभयपुरा और भलेरा की बची हुई जमीन भी ली जाये। किसान शासन द्वारा बनाये गए नियमों और शर्तों पर जमीन देने के लिए तैयार हैं। टर्म्स & कंडीशन पर जमीन देने को तैयार है। 23 अगस्त 2016 को सभी किसानों ने नया हवाई अड्डा बनाने का सहमति पत्र दिया था। आज भी सिविल एन्क्लेव के लिए किसान जमीन देने के लिये सहमत हैं।
सिविल सोसाइटी आॅफ आगरा ने भलेरा के जूनियर हाई स्कूल में किसानों के साथ बैठक की। सभी किसानों ने पुरजोर मांग की कि प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव के लिये अभयपुरा और भलेरा की बची हुई जमीन भी ली जाये। किसान शासन द्वारा बनाये गए नियमों और शर्तों पर जमीन देने के लिए तैयार हैं। टर्म्स & कंडीशन पर जमीन देने को तैयार है। 23 अगस्त 2016 को सभी किसानों ने नया हवाई अड्डा बनाने का सहमति पत्र दिया था। आज भी सिविल एन्क्लेव के लिए किसान जमीन देने के लिये सहमत हैं।
किसानों ने की ये मांग
किसानों ने कहा जिस तरह आगरा प्रशासन ने 3.50 हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव पारित करके शासन को भेजा है, उसी तरह बाकी की 45 एकड़ जमीन का भी प्रस्ताव शासन को भेजा जाये। किसानों ने कहा के जिलाधिकारी ने जब 3.5 हेक्टेयर का प्लान आगरा एयरपोर्ट का प्लान 2032 के ग्रोथ पर बना है। आगरा इंटरनेशनल सिटी है, प्रगति होना आवयश्क है। इसलिए शासन आज जमीन ले और इंटरनेशनल मानक का सिविल एन्क्लेव बनाये। आगरा एयरपोर्ट पर कार्गो हब का प्लानिंग नहीं है।
किसानों ने कहा जिस तरह आगरा प्रशासन ने 3.50 हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव पारित करके शासन को भेजा है, उसी तरह बाकी की 45 एकड़ जमीन का भी प्रस्ताव शासन को भेजा जाये। किसानों ने कहा के जिलाधिकारी ने जब 3.5 हेक्टेयर का प्लान आगरा एयरपोर्ट का प्लान 2032 के ग्रोथ पर बना है। आगरा इंटरनेशनल सिटी है, प्रगति होना आवयश्क है। इसलिए शासन आज जमीन ले और इंटरनेशनल मानक का सिविल एन्क्लेव बनाये। आगरा एयरपोर्ट पर कार्गो हब का प्लानिंग नहीं है।
इस जमीन का क्या करेंगे किसान
वहीं दूसरी ओर सिविल एंक्लेव की दीवार टेडी मेढ़ी है, जिसकी वजह से पूरे एन्क्लेव में कई टुकड़े के हिसाब से कई किसानों कि जमीन छूट गयी है। किसान के साथ यह अन्याय है और किसान वहां पर कुछ कार्य नहीं कर सकता। विकास के दौर में 45 हेक्टेयर जमीन का कोई उपयोग नहीं है। बाउंड्री वॉल के 100 मीटर के दायरे में कोई भी कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता। साथ ही इस जमीन पर पहुंचने के लिये आज का रास्ता बंद होगा। किसानों को 5 से 6 किलोमीटर घूम कर आना पड़ेगा।
वहीं दूसरी ओर सिविल एंक्लेव की दीवार टेडी मेढ़ी है, जिसकी वजह से पूरे एन्क्लेव में कई टुकड़े के हिसाब से कई किसानों कि जमीन छूट गयी है। किसान के साथ यह अन्याय है और किसान वहां पर कुछ कार्य नहीं कर सकता। विकास के दौर में 45 हेक्टेयर जमीन का कोई उपयोग नहीं है। बाउंड्री वॉल के 100 मीटर के दायरे में कोई भी कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता। साथ ही इस जमीन पर पहुंचने के लिये आज का रास्ता बंद होगा। किसानों को 5 से 6 किलोमीटर घूम कर आना पड़ेगा।
जेवर में नहीं देना चाहते किसान जमीन
आगरा में स्थिति ये है कि किसान जमीन देने को तैैयार हैं और शासन लेने को तैयार नहीं और दूसरी तरफ जेवर में किसान जमीन देने को तैयार नहीं हैं। किसान प्रशासन और शासन को एफिडेविट देकर फिर से अपनी सहमति देंगे। साथ ही किसान उस पूरे एरिया का मानचित्र अपने सुझाव के साथ अब आगे की बात करेंगे। सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा ने किसानों का पूरा साथ देने का आश्वासन दिया।
ये रहे मौजूद
आज की मीटिंग में सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के शिरोमणि सिंह, राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा, निहाल सिंह भोले, नरेन्द्र वरुण, अधिवक्ता एचएस वर्मा, भलेरा और अभयपुरा के किसान भी थे।
आज की मीटिंग में सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के शिरोमणि सिंह, राजीव सक्सेना, अनिल शर्मा, निहाल सिंह भोले, नरेन्द्र वरुण, अधिवक्ता एचएस वर्मा, भलेरा और अभयपुरा के किसान भी थे।