लखननऊ में किया गया फैसला
इस बारे में लखनऊ में बैठक हुई। इसमें एनबीआरआई के निदेशक एसके बारिक ने आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन (एडीएफ) के सचिव के0सी0 जैन को आश्वस्त किया। बैठक के समय एनबीआरआई के वरिष्ठ साइन्टिस्ट डॉ. एस0सी0 शर्मा व कनक जैन भी उपस्थित थीं। एडीएफ की ओर से यह बात संज्ञान में लायी गई एनबीआरआई की एक टीम ने पूर्व में आगरा में भ्रमण किया था। बॉटनीकल गार्डन की लागत अवगत नहीं हो सकी है, जिसे बताये जाने पर उद्यान विभाग द्वारा अग्रिम कार्यवाही बजट स्वीकृति के संबंध में करायी जा सकती है। निदेशक बारिक द्वारा बजट की व्यवस्था कराये जाने की बात भी कही गयी।
इस बारे में लखनऊ में बैठक हुई। इसमें एनबीआरआई के निदेशक एसके बारिक ने आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन (एडीएफ) के सचिव के0सी0 जैन को आश्वस्त किया। बैठक के समय एनबीआरआई के वरिष्ठ साइन्टिस्ट डॉ. एस0सी0 शर्मा व कनक जैन भी उपस्थित थीं। एडीएफ की ओर से यह बात संज्ञान में लायी गई एनबीआरआई की एक टीम ने पूर्व में आगरा में भ्रमण किया था। बॉटनीकल गार्डन की लागत अवगत नहीं हो सकी है, जिसे बताये जाने पर उद्यान विभाग द्वारा अग्रिम कार्यवाही बजट स्वीकृति के संबंध में करायी जा सकती है। निदेशक बारिक द्वारा बजट की व्यवस्था कराये जाने की बात भी कही गयी।
टनेचर गाइड पाठ्यक्रम पर विचार बैठक में एडीएफ की ओर से यह बात भी उठायी गयी कि एनबीआरआई द्वारा ‘नेचर गाइड’ के प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम शुरू किया जए, ताकि प्रशिक्षित व्यक्ति प्रकृति के प्रति जागरुकता उत्पन्न कर सकें। इस पर विचार करने के लिए निदेशक बारिक ने आश्वस्त किया। आगरा में पौधारोपण किन प्रजातियों का किया जाएगा, इसकी सूची एनबीआरआई द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
पौधारोपण के लिए ऐप
निदेशक बारिक द्वारा बैठक में यह भी बताया गया कि एनबीआरआई द्वारा पौधारपण के लिए एक एप तैयार किया गया है, जो निःशुल्क है। इसे फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। कहाँ कौन सा पेड़ लगाना चाहिए, यह सरलता से मालूम चल सकता है। इस ऐप का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए भी बारिक द्वारा कहा गया।
निदेशक बारिक द्वारा बैठक में यह भी बताया गया कि एनबीआरआई द्वारा पौधारपण के लिए एक एप तैयार किया गया है, जो निःशुल्क है। इसे फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। कहाँ कौन सा पेड़ लगाना चाहिए, यह सरलता से मालूम चल सकता है। इस ऐप का अधिक से अधिक उपयोग करने के लिए भी बारिक द्वारा कहा गया।
हरित पट्टी के लिए प्रशिक्षण
निदेशक बारिक ने यह भी बताया कि ग्रीन बेल्ट के विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम एनबीआरआई द्वारा शुरू किया जा रहा है जो 200 घण्टे का होगा। यह स्किल डवलपमेन्ट काउन्सिल द्वारा भी स्वीकृत है। इस पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित व्यक्ति ग्रीन बेल्ट के विकास में अपनी भूमिका अदा कर सकेंगे। बारिक के अनुसार ग्रीन बेल्ट का अर्थ केवल वृक्षों को लगाना नहीं है, बल्कि कौन-कौन सी ऊँचाई के कितने वृक्ष लगाये जायएं और कितनी झाड़ियाँ लगाई जायें, यह जानना है। ऐसे प्रशिक्षित व्यक्ति आगरा में भी हरियाली बढ़ाने की दिशा में उपयोगी होंगे।
निदेशक बारिक ने यह भी बताया कि ग्रीन बेल्ट के विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम एनबीआरआई द्वारा शुरू किया जा रहा है जो 200 घण्टे का होगा। यह स्किल डवलपमेन्ट काउन्सिल द्वारा भी स्वीकृत है। इस पाठ्यक्रम में प्रशिक्षित व्यक्ति ग्रीन बेल्ट के विकास में अपनी भूमिका अदा कर सकेंगे। बारिक के अनुसार ग्रीन बेल्ट का अर्थ केवल वृक्षों को लगाना नहीं है, बल्कि कौन-कौन सी ऊँचाई के कितने वृक्ष लगाये जायएं और कितनी झाड़ियाँ लगाई जायें, यह जानना है। ऐसे प्रशिक्षित व्यक्ति आगरा में भी हरियाली बढ़ाने की दिशा में उपयोगी होंगे।
पर्यटकों को आकर्षित करेगा गार्डन
एडीएफ की टीम ने बॉटनीकल गार्डन में भी भ्रमण किया।र वहाँ कैक्टस हाउस, पाम हाउस, बोनसाई हाउस, जुरैसिक गैलरी, साइकस हाउस आदि को देखा। एडीएफ के अनुसार बॉटनीकल गार्डन की आगरा में स्थापना होने पर वह बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकेगा और शहर के लिए एक नया आकर्षण बनेगा।
एडीएफ की टीम ने बॉटनीकल गार्डन में भी भ्रमण किया।र वहाँ कैक्टस हाउस, पाम हाउस, बोनसाई हाउस, जुरैसिक गैलरी, साइकस हाउस आदि को देखा। एडीएफ के अनुसार बॉटनीकल गार्डन की आगरा में स्थापना होने पर वह बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर सकेगा और शहर के लिए एक नया आकर्षण बनेगा।