यह रखी मांगे
ज्ञापन में एफआरडीए अधिनियम को निरस्त कर राज्य कर्मचारियों के 41 हजार करोड रुपए जीपीएफ खाते में जमा करने, पुरानी पेंशन योजना जारी रखने, वेतन विसंगति दूर करने, 7,14,21 व 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत करने, 2019 से जून 2021 तक के महंगाई भत्ते के एरियर का नगद भुगतान करने, शिक्षक तबादला नीति लागू करने, संविदा कर्मियों को नियमित करने, मंत्रालय कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन-भत्ते देने व लंबित पदोन्नतियां जल्द करने सरीखी मांगे रखी गई।
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उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
इस दौरान आयोजित सभा को राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा व जिलाध्यक्ष विनोद पूनिया, अतिरिक्त एवं सहायक विकास अधिकारी संघ जिलाध्यक्ष धन्नाराम मील, पटवार संघ जिलाध्यक्ष शीशराम चाहर, राजस्थान नर्सिंग एसोसिएशन के रामकुमार जाखड़, राजस्थान लेखाकार संघ जिलाध्यक्ष प्रभातीलाल बगड़िया, एएनएम संघ की चूंकी देवी, सीएचओ संघ के विनोद यादव, रेसला के सुभाष महला, रेष्टा के मदन गढ़वाल, ग्राम विकास अधिकारी संघ के रामचंद्र सिंह, ग्राम विकास अधिकारी संघ कोषाध्यक्ष बाबूलाल धाबाई, नागरमल गढ़वाल सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित करते हुए सरकार को मांगे नहीं मानने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।