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Navratri 2024 : नवरात्रि में सीधी हो जाती है मां कंकाली की टेढ़ी गर्दन, दर्शन के लिए उमड़ता है जन सैलाब

Navratri 2024 : रायसेन जिले में स्थित मां कंकाली का मंदिर आज से लगभग 400 साल पुराना है। मान्यता है कि शारदीय नवरात्रि के दौरान कुछ पलों के लिए मां की टेढ़ी गर्दन सीधी होती है। इस नवरात्रि जरूर करें मां कंकाली के दर्शन…

रायसेनSep 28, 2024 / 03:48 pm

Avantika Pandey

kankali mata mandir raisen
Navratri 2024 : कुछ ही दिनों में शारदीय नवरात्रि की चकाचौंध मंदिरों में देखते बनेगी। आम दिनों के मुकाबले त्योहार के समय भक्तों की भारी भीड़ दर्शन के लिए उमड़ती है। एमपी में देवी मां के कई मंदिर है जो अपने चमत्कारों के चलते दुनिया भर में लोकप्रिय है। भोपाल से लगभग 22 किलोमीटर दूर मां कंकाली के दर पर आए भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटते। नवरात्रि के समय विदेशों से श्रद्धालु यहां अपनी मन्नतें लेकर आते है। मान्यता है कि माता की टेढ़ी गर्दन नवरात्रि में सीधी हो जाती है।
रायसेन जिले में स्थित मां कंकाली का मंदिर आज से लगभग 400 साल पुराना है। इस मंदिर के चमत्कार और मान्यताएं देशभर में काफी प्रचलित है। इस नवरात्रि जरूर करें मां कंकाली के दर्शन… पूरी होगी सभी मुरादें।

रायसेन जिले में है माता का मंदिर

मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध व चमत्कारी मदिरों में से एक मां कंकाली का मंदिर रायसेन जिले के भोजपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गुदावल गांव में स्थित है। वहीं राजधानी भोपाल से इसकी दुरी लगभग 22 किलोमीटर दूर है। शारदीय नवरात्र के समय दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन के लिए उमड़ते है।
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मंदिर का इतिहास

400 साल पुराने मंदिर का इतिहास इसके चमत्कारों की ही तरह बेहद रोचक है। कहा जाता है कि लगभग 18वीं शताब्दी के दौरान स्थानीय निवासी हर लाल मेडा को माता का स्वप्न आया था जिसमे उसे खुदाई कर मूर्ति निकालने का आदेश दिया। आदेश को मानते हुए उस जगह जब खुदाई की गयी तो मां कंकाली की मूर्ति बाहर निकली जिसे वहीँ पर स्थापित किया गया।

टेढ़ी गर्दन इस दिन होती है सीधी

kankali mata mandir
मंदिर में विराजमान मां कंकाली की प्रतिमा की गर्दन 45 डिग्री झुकी हुई है। लोगों के बीच ऐसी मान्यता प्रचलित है कि शारदीय नवरात्रि की सप्तमी और अष्टमी के दौरान कुछ पलों के लिए मां की गर्दन सीधी होती है। ऐसे में अगर किसी ने भी मां कंकाली के दर्शन कर लिए तो उसके जीवन के सारे दुःख और परेशानियों हमेशा के लिए खत्म हो जाती है।
वैसे तो 12 महीने मंदिर में भक्त दर्शन के लिए आते रहते है लेकिन नवरात्र के दौरान सभी भक्तों को आस रहती है कि सीधी गर्दन के साथ माता के दर्शन हो जाए।

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