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आपकी बात, यूपीआइ के जरिए लेन-देन पर शुल्क लगाने का क्या असर होगा?

पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रियाएं मिलीं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

जयपुरSep 23, 2024 / 05:50 pm

Gyan Chand Patni

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 डिजिटल भुगतान की लोकप्रियता में कमी आएगी
 यूपीआइ लेन-देन पर शुल्क लगाने से डिजिटल भुगतान की लोकप्रियता में कमी आ सकती है। उपभोक्ता छोटे लेन-देन के लिए नकद या अन्य विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं, जिससे डिजिटल लेन-देन घट सकता है। यह निर्णय विशेष रूप से ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के वित्तीय समावेशन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इससे बैंकों और फिनटेक कंपनियों का राजस्व बढ़ सकता है, लेकिन कैशलेस अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को नुकसान हो सकता है।
 -अभिषेक राय, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश
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बैंकों में बढ़ जाएगी भीड़ 
यूपीआइ ट्रांजेक्शन पर शुल्क लगाने से लोगों की कैशलेस प्रक्रिया से दूरी बढ़ जाएगी। इससे बैंकों में भीड़ बढ़ेगी व बैंकों का काम-काज बाधित होगा।  आमजन को  कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
– इन्द्रपाल ढाका, हनुमानगढ़  
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बढ़ेगा आम आदमी पर भार
 यूपीआइ लेन-देन पर शुल्क से आम आदमी पर भारी पडऩे वाला है। हर कोई इसका ही उपयोग कर रहा है।  शुल्क लगाने से पहले सरकार को यूजर्स की जेब का भी ध्यान रखना होगा।
 -शालिनी ओझा बीकानेर
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उपयोग में कमी  
यूपीआइ लेन-देन पर शुल्क लगने से इसका उपयोग कम हो सकता है। लोग अन्य भुगतान तरीकों की ओर बढ़ सकते हैं। सरकारी राजस्व में वृद्धि जरूरी होगी, लेकन जनता पर बोझ बढ़ेगा।
 -विनय माहेश्वरी, जोधपुर
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बैंकों पर बढ़ेगा भार
यूपीआइ लेन-देन पर शुल्क लगाने से जनता पर अतिरिक्त भार बढ़ेगा जिससे यूपीआइ पर लेन-देन में कमी आएगी। बैंकों के कार्यभार में फिर से वृद्धि होगी। लंबी-लंबी कतारें लगेंगी। भारत के डिजिटल समावेशन के लक्ष्य भी प्रभावित होंगे।
 -गजेंद्र चौहान कसौदा, डीग
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लोगों की मुश्किल बढ़ेगी  
यूपीआइ से लेन देन पर शुल्क लगाना सर्वथा अनुचित होगा। लेन-देन सरल और पारदर्शी नहीं रह जाएगा। लोगों को जो सहूलियत मिली है, वह खत्म हो जाएगी।
 -मधुरंजन, रीवा
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 कैश का इस्तेमाल बढ़ेगा
 यूपीआइ लेन-देन सेे कैश का प्रयोग बढ़ेगा। ऑनलाइन पेमेंट का प्रचलन धीरे-धीरे कम होता चला जाएगा। इस प्रकार यूपीआइ का उपयोग देश में कम होने की आशंका है।
– मनु प्रताप सिंह, खेतड़ी, झुंझुनूं   

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