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आपकी बात, जीवन में अनुशासन का क्या महत्त्व है?

पत्रिकायन में सवाल पूछा गया था। पाठकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आईं, पेश हैं चुनिंदा प्रतिक्रियाएं।

Feb 04, 2021 / 04:13 pm

Gyan Chand Patni

आपकी बात, जीवन में अनुशासन का क्या महत्त्व है?

आपकी बात, जीवन में अनुशासन का क्या महत्त्व है?

आदर्श जीवन जीने की कला
जीवन में अनुशासन का एक अलग ही महत्त्व है। यह आदर्श जीवनशैली है, जिससे हर कार्य आसानी से सम्पन्न हो जाते हैं। अनुशासन के बिना मानव जीवन पशु तुल्य है। अनुशासन हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ाता है। इससे हमारे व्यक्तित्व में निखार आता हैं और अनुशासित व्यक्ति ही समाज को एक नई दशा व दिशा प्रदान कर सकता है। जीवन में जो व्यक्ति अनुशासन में रहता है, समझो उसने जीवन को सही ढंग से निर्वाह करना सीख लिया हैं ।
-सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
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हर व्यक्ति के जीवन की नींव है अनुशासन
अनुशासन हर व्यक्ति के जीवन की नींव है। जिस तरह अच्छी नींव अच्छी सुदृढ़ इमारत देती है, ठीक उसी तरह जीवन में अनुशासन व्यक्ति को शिखर पर ला खड़ा करता है। अनुशासन के बीज यदि बाल्यकाल में ही बो दिए जाएं, तो बालक , परिवार, समाज और देश सभी का भला होगा। आज के समय में नई पीढ़ी का जो व्यवहार है वह अनुशासन की कमी का परिणाम है।
– सुधा तंवर (टोंक)
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सफलता की प्रथम सीढ़ी
अनुशासन पूरे जीवन भर बहुत महत्त्व रखता है। मनुष्य को अगर सफलता प्राप्त करनी है, तो उसे अपने जीवन में अनुशासन में रहना बहुत ही जरूरी है। इससे व्यक्ति समाज में कॉलोनी में देश में मान-सम्मान मिलेगा एवं सफलता उसके इर्द-गिर्द रहेगी। मनुष्य को अपने माता-पिता एवं शिक्षक का मान सम्मान करना होगा। उनके बताए हुए मार्गों पर चलना होगा। अनुशासित रहना होगा, तभी मनुष्य को सफलता मिलेगी।
-सुरेंद्र बिंदल, जयपुर
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अनुशासन से ही प्रकृति का संचालन
अनुशासन से बढ़कर कुछ भी नहीं है। अनुशासन से ही प्रकृति का संचालन होता है। व्यक्ति के जीवन में यदि अनुशासन नहीं है तो वह एक तरह से पतवार विहीन नौका है, जिसका पता नहीं किधर चली जाए। उस व्यक्ति के लिए कोई काम मुश्किल नहीं होता जो अनुशासन में रहता है। यदि व्यक्ति में अनुशासन नहीं है, तो वह छोटे-से- छोटा कार्य करना भी उसे पहाड़ समान लगने लगता है। इस अनुशासन की नींव विद्यार्थी जीवन से ही पड़ती है।
-कैलाश चन्द्र मोदी, सादुलपुर(चूरु)।
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अनुशासन ही सफलता की कुंजी
पूरी प्रकृति अनुशासन से बंधी हुई है। अनुशासन से ही मनुष्य स्वयं का शारीरिक, मानसिक और रचनात्मक निर्माण कर सकता है। अनुशासन व्यक्ति को आगे बढऩे और सफलता पाने के लिए प्रेरित करता है। अनुशासित जीवन के बिना हम अपने लक्ष्यों की दिशा में काम नहीं कर सकते हैं । अनुशासित रहकर हम जीवन को खुशहाल और भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं!
-धनराज चौधरी , बीकानेर
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हर कार्य सराहना का हकदार
अनुशासन में रहकर किया गया हर कार्य सबकी सराहना का हकदार होता है। अनुशासन हर व्यक्ति को जिम्मेदार इंसान बनने में सहायक होता है। अनुशासनों के पहले प्रकार मे आत्मानुशासन यानी आत्मा के जरिए नियंत्रित अनुशासन है, जिसमें व्यक्ति के किसी भी कार्य में अन्य व्यक्ति का बाध्यकारी दबाव नहीं होता है। अनुशासन पालन करने का दूसरा तरीका बाह्य अनुशासन का होता है। इसमें स्वयं के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति के दबाव और उसके अधिकारों के कारण माने जाने वाला अनुशासन होता है। इनका पालन करते हुए ही व्यक्ति जीवन में सफलता पाता है।
-छाया कानूनगो,बैंगलूरु, कर्नाटक
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जीवन की प्रगति का मूल मंत्र
अनुशासन मानव जीवन की प्रगति का मूलमंत्र है। प्रकृति के सूर्य और चंद्रमा प्रतिदिन हमें अनुशासन में रहने का संदेश दे रहे है। फिर चाहे हम अनुशासन में रह लें या पश्चाताप कर लें। यह हमारे स्वयं पर निर्भर है। आज तक जितने भी सफल महापुरुष बने हंै, वे अनुशासन की राह से गुजरे है। अनुशासित व्यक्ति ही समाज और जीवन में सम्मान पाते हैं। अनुशासन हमें वक्त की कदर करना सिखाता है, जो कि लक्ष्य प्राप्ति और राष्ट्र निर्माण व विकास में सहायक है।
-भगवान प्रसाद गौड, उदयपुर
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जीवन का पर्याय बने अनुशासन
जीवन में प्रारम्भ से ही अनुशासन का विशेष महत्च रहा है। आज के संदर्भ में यदि बात करें तो अनुशासन सभी के जीवन का आवश्यक अंग होना चाहिए। जीवन के हर कदम के लिए अनुशासन बहुत मूल्यवान है। हमें हर समय अनुशासित रहना होगा क्योंकि एक शांतिपूर्ण जिंदगी के लिए यह बेहद जरूरी हैं। अनुशासन हमें नियंत्रण में रखता है। यह व्यक्ति को जिम्मेदार इन्सान बनने में मदद करता है। अगर हम अनुशासित रहकर जीवन बिताएं तो हम अपने जीवन को खुशहाल और भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।
-डॉ. अजिता शर्मा, उदयपुर
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पग-पग पर पड़ती है जरूरत
हमारे जीवन मे ‘अनुशासनÓ एक ऐसा गुण है, जिसकी आवश्यकता पग-पग पर पड़ती है। इसका प्रारंभ जीवन में बचपन से ही होना चाहिए, क्योंकि यहीं से ही मानव के चरित्र का निर्माण हो सकता है ।
-तरुण कुमार डेहरिया, चौरई, छिन्दवाड़ा
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व्यवहार में मर्यादा ही अनुशासन
दैनिक जीवन मे अनुशासन चीजों की कद्र करना भी सिखाता है। और, यहीं से दुनिया की हर वस्तु कितनी मूल्यवान है, इस बात का अहसास हमें होता है। अनुशासन से तात्त्पर्य केवल हर काम नियोजित तरीके से करना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी समझ करना है। गलत कार्य से परहेज व अपने व्यवहार में मर्यादा भी अनुशासन का एक हिस्सा है। मनुष्य अगर इन सब बातों को अपने जीवन में उतार लें, तो निश्चित ही परेशानियों से बचा रहेगा।
-नटेश्वर कमलेश, चांदामेटा, मध्यप्रदेश
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दूसरों की आजादी में बाधक न बनें
हमारी स्वतन्त्रता के उच्छंखलता में तब्दील हो जाने के बीच बहुत बारीक सी रेखा है। इसी बारीक रेखा से मनुष्य को अवगत कराता है अनुशासन। एक व्यक्ति की स्वतंत्रता दूसरे व्यक्ति के लिए बाधा ना बने, इसके लिए आवश्यक है ऐसे नियम, जो कि अनुशासन के रूप में हमारे जीवन में शामिल होते है और मनुष्य के जंगली जानवर में बदल जाने को रोकते है।
-ममता बारहठ, सांगानेर , जयपुर
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आत्मा को नियंत्रित करता है अनुशासन
अनुशासन व्यक्ति के शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करता है। एक तरह से सभी कार्य को सही तरीके से करने में मदद करता है। हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्त्वपूर्ण है। बिना अनुशासन के कोई भी व्यक्ति खुशहाल जीवन नहीं जी सकताा।
-रामस्वरूप वर्मा, पावटा, जयपुर

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