गर्भनिरोधक से जुड़ी भ्रांतियों पर स्त्री रोग विशेषज्ञों की सलाह,बिना विशेषज्ञ परामर्श न खाएं दवाएं, हो सकता है नुकसान
अब कपल्स बेबी प्लान से पहले काफी डिस्कस करते हैं। बावजूद इसके कई बार अनप्लांड प्रेग्नेंसी हो जाती है। अनप्लांड प्रेग्नेंसी के चलते प्राय: महिलाएं अबॉर्शन या दवाइयों का सेवन करती हैं।
भोपाल. अब कपल्स बेबी प्लान से पहले काफी डिस्कस करते हैं। बावजूद इसके कई बार अनप्लांड प्रेग्नेंसी हो जाती है। अनप्लांड प्रेग्नेंसी के चलते प्राय: महिलाएं अबॉर्शन या दवाइयों का सेवन करती हैं। इसका असर स्वास्थ्य पर पड़ता है। फैमिली प्लानिंग और कॉन्ट्रासेप्शन के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए 26 सितंबर को वल्र्ड कॉन्ट्रासेप्शन डे यानी विश्व गर्भ निरोधक दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर कॉन्ट्रासेप्शन के तौर-तरीकों और सुरक्षित गर्भ निरोधक के बारे में जानने के लिए पत्रिका ने शहर के प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञों से बातचीत की। चिकित्सकों के अनुसार राजधानी में ज्यादातर महिलाएं हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन जैसे गोलियां, पैच, इंजेक्शन और आईयूडी को अपनाती हैं। पेश है चिकित्सकों की सलाह-
बिना चिकित्सकीय सलाह ने लें दवाएं
डॉ.प्रीति देवपुजारी
स्त्री रोग विशेषज्ञ, जेपी अस्पताल
कई बार अज्ञानता के कारण युवतियां गर्भनिरोधकों का उचित उपयोग नहीं करतीं। और गर्भधारण कर लेती हैं। फिर अपनी मर्जी से गर्भपात के लिए बाजार में उपलब्ध दवाइयों का उपयोग करती हैं। इससे रक्तस्राव, संक्रमण, रक्ताल्पता एवं पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने की संभावना रहती है। भविष्य में गर्भधारण करने में भी इन्हें समस्या होती है।
प्रशिक्षित चिकित्सक की सलाह लें
डॉ. वैजयंती कोलेकर,स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ
गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग से अनचाहे गर्भधारण को रोका जा सकता है। फिर भी यदि गर्भधारण के बाद अबॉर्शन जरूरी है तो प्रशिक्षित विशेषज्ञ से ही गर्भपात करवाएं। नीम-हकीम से करवाए गए गर्भपात से गर्भाशय में चोट लगने की घटनाएं आम हैं।
बिना सलाह गोलियां लेना नुकसानदेह
डॉ.निधि नागर, स्त्री रोग विशेषज्ञ और लेप्रोस्कोपिक सर्जन
गर्भनिरोध से संबंधित कोई भी दवा या गोली बिना डॉक्टर की सलाह के लेना जोखिम भरा होता है। गोलियों में हार्मोन्स होते हैं, जो हर महिला के लिए सही हों, ऐसा जरूरी नहीं। इससे ब्लड क्लॉटिंग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है।
कॉन्ट्रासेप्शन क्यों जरूरी है
-मैटरनल मोर्टालिटी रेट 40 फीसद तक कम हो सकता है।
-कॉन्ट्रासेप्शन सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (एसटीडी)से बचाते हैं।
-यह अनचाहे गर्भधारण को रोकता है, अबॉर्शन की संभावना कम हो जाती है।
कॉन्ट्रासेप्शन के प्रकार
हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्शन-गोलियां, पैच, इंजेक्शन और आईयूडी
बैरियर कॉन्ट्रासेप्शन-कंडोम, डायाफ्राम और स्पर्मिसाइड
सर्जिकल कॉन्ट्रासेप्शन- ट्यूबेक्टोमी और वैसक्टोमी
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