इस मामले में विश्व धरोहर के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्था ने भी ध्यान दिया है। यूनेस्को की एक टीम ने बूंदी का दौरा किया और छतरी के ऐतिहासिक और स्थापत्य महत्व की जांच की। टीम ने बताया कि 500 साल पुरानी धरोहर को तोड़ना एक गंभीर अपराध है और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश भी हैं। यह पहली बार है जब भारत में इस तरह की ऐतिहासिक संरचना को ध्वस्त किया गया हैए जो देश की सांस्कृतिक विरासत को गंभीर धक्का पहुंचाता है।
राजपूत समाज के नेताओं ने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। जिसमें उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि छतरी का पुनर्निर्माण नहीं हुआ, तो वे खुद निर्माण कार्य करेंगे। समाज के प्रतिनिधियों ने प्रशासन को बताया कि राव सूरजमल की स्मृति में छतरी वहीं बनानी चाहिए, क्योंकि यह स्थान ऐतिहासिक महत्व रखता है।
कोटा विकास प्राधिकरण ने इस मामले में बैकफुट पर आते हुए नई जगह पर मूर्ति और छतरी के निर्माण के लिए भूमि आवंटित कर दी है। हालांकिए राजपूत समाज के नेताओं का कहना है कि प्रशासन बचाव की मुद्रा में है और मूर्ति उसी स्थान पर बननी चाहिए जहां इसे तोड़ा गया था।
कौन थे सूरजमल हाड़ा…. सूरजमल प्रसिद्ध योद्धा महाराणा सांगा की पत्नी कर्मावती के भाई थे। महाराणा सांगा की मौत के बाद उनके दोनो राजकुमारों की देखभाल सूरजमल हाडा के कारण ही सफल हो सकी थी। बाद में सूरजमल को मेवाड़ में बड़ा पद भी दिया गया था। लेकिन बाद में उन्हें छल से मारा गया था। इतिहासकारों का कहना है कि जब उनकी मौत हुई तो वह सीने में तीर मारकर हुई थी। उन्होनें राणा सांगा के साथ विदेशी आक्रांता बाबर के खिलाफ खानवा का युद्ध का लड़ा था।