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कोलकाता

गंगासागर: कैसे पहुंचे, कैसे लगाएं आसानी से डुबकी

सारे तीरथ बार-बार गंगासागर एक बार, यह लोकोक्ति यूं ही नहीं प्रसिद्ध है। हवाई, रेल या सड़क मार्ग से गंगासागर सीधा नहीं जुड़े होने के कारण सफर अब भी आसान नहीं है पर कुछ सुगम जरूर हो गया है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सागरद्वीप करीब 130 किलोमीटर दूर है।

कोलकाताJan 09, 2020 / 06:53 pm

Rabindra Rai

गंगासागर: कैसे पहुंचे, कैसे लगाएं आसानी से डुबकी

गंगासागर: कैसे पहुंचे, कैसे लगाएं आसानी से डुबकी

कोलकाता. सारे तीरथ बार-बार गंगासागर एक बार, यह लोकोक्ति यूं ही नहीं प्रसिद्ध है। हवाई, रेल या सड़क मार्ग से गंगासागर सीधा नहीं जुड़े होने के कारण सफर अब भी आसान नहीं है पर कुछ सुगम जरूर हो गया है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सागरद्वीप करीब 130 किलोमीटर दूर है। विमान से आने वालों को महानगर के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस एयरपोर्ट पर उतरना पड़ेगा, वहां से सड़क मार्ग से दक्षिण 24 परगना जिले के काशीनगर, लॉट न. 8 पहुंचना होगा। वहां से लांच या वेसेल से मूड़ीगंगा नदी पार कर कचूबेडिय़ा, फिर कचूबेडिय़ा से किसी वाहन से करीब 30 किलोमीटर दूर गंगासागर तट पर पहुंचा जा सकता है। ट्रेन से आने वालों को हावड़ा या सियालदह स्टेशन उतरना पड़ेगा। अगर कोई ट्रेन से आगे का सफर जारी रखना चाहता है तो उसे सियालदह साउथ सेक्शन से काकद्वीप तथा नामखाना स्टेशन जाना पड़ेगा। नामखाना स्टेशन से चेमागुड़ी आकर लांच या वेसेल से गंगासागर पहुंचा जा सकता है। इसी तरह हावड़ा से पहले बाबूघाट पहुंचना पड़ेगा। बाबूघाट से बस करीब 94 किलोमीटर दूर काशीनगर, लॉट न. 8 पहुंचा देगी।

सरकार की नई पहल
सब तीरथ बार बार, गंगासागर एक बार, मकर संक्राति पर गंगासागर के पवित्र संगम में डुबकी लगाने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर! खासकर उन लोगों के लिए जो पवित्र संगम में डुबकी की चाह तो रखते हैं, लेकिन किसी कारणवश वहां जाने में सक्षम नहीं है। राज्य सरकार इस बार नई पहल शुरू करने जा रही है। जो लोग चाह कर भी किसी न किसी कारण से सागरद्वीप नहीं पहुंच पाते हैं, वह अब घर बैठ कर गंगासागर में डुबकी लगा सकेंगे।
राज्य सरकार की ओर से पहली बार ई- स्नान की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जिला प्रशासन की ओर से गंगासागर का पवित्र जल उनके घर भेज दिया जाएगा। पुण्यार्थियों के लिए घर बैठे ई स्नान के तहत तीर्थ सामग्री पैक के जरिये प्रसाद व अन्य पूजा समाग्री भी घर भेज दी जाएगी।

ड्रोन कैमरे से मेले प्रांगण पर नजर
दक्षिण 24 परगना जिले के कलक्टर डॉ. पी. उल्गानाथन के अनुसार ड्रोन कैमरे व हिलियम गुब्बारे से मेले प्रांगण पर नजर रखी जाएगी। पुलिस, आपदा प्रबंधन, सिविक पुलिस के अलावा तटरक्षक बल के जवान अलर्ट व तैनात रहेंगे। इसके साथ मेला के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था पर भी विशेष जोर दिया गया है। वहीं, मेला प्रांगण में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा लॉट नंबर आठ, कचूबेडिय़ा, चेमागुड़ी में भी सीसीटीवी की व्यवस्था है।

क्या है महत्व
देश की सबसे पवित्र गंगा नदी गंगोत्री से निकल कर पश्चिम बंगाल में आकर सागर से मिलती है। गंगा का जहां सागर से मिलन होता है उस स्थान को गंगासागर कहते है। इसे सागरद्वीप भी कहा जाता है। इस तीर्थस्थल पर कपिल मुनि का मंदिर है। हिन्दू धर्मग्रन्थों में इसकी चर्चा मोक्षधाम के तौर पर की गई है। यहां मकर संक्रांति के पावन अवसर पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु मोक्ष की कामना लेकर आते हैं। मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान राम के पूर्वज राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को मोक्ष प्राप्त हुआ था। कहते हैं यहां संक्रांति पर स्नान करने पर अश्वमेघ यज्ञ और गौ दान करने का फल मिलता है। माना जाता है कि गंगासागर की तीर्थयात्रा सैकड़ों तीर्थयात्राओं के समान है।

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