300 किमी पद यात्रा, विरासत में मिला वैराग्य
अपने 4 वर्ष के वैराग्य काल में करुणा ने लगभग 300 किलोमीटर की पद यात्रा की। इनके पिता हीरालाल गुलेच्छा व माता उषा है। इनके भाई संयम मुनि तेरापंथी जैन संप्रदाय व मामा मुय मुनि महावीर कुमार भी तेरापंथी, मासी साध्वी प्रथमाश्री स्थानकवासी ज्ञानगच्छ संप्रदाय में दीक्षित हैं। एमकॉम, सीए किया
13 सितबर 1999 को केतु कलां गांव में जन्मी मुमुक्षु करुणा ने एमकॉम, सीए फाइनल की शिक्षा प्राप्त की। अपने लगभग चार वर्ष के वैराग्य काल के दौरान करुणा ने धार्मिक अध्ययन में पुच्छीसुणम, श्रीमद् दशवैकालिक सूत्र के 8 अध्ययन, अष्ट प्रवचन माता, 67 बोल, लघुदण्डक आदि का अध्ययन किया। साथ ही, अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संघ की ओर से मुमुक्षुओं के लिए संचालित ’आरोग्बोहिलाभं’ में भी धार्मिक शिक्षा प्राप्त की।