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जयपुर

Rajasthan News : पुलिस मुख्यालय की ‘फर्जी ई-चालानों’ से कैसे बचें, डीजी साइबर क्राइम ने जारी की एडवाइजरी

Cyber ​​Crime in Rajasthan : पुलिस मुख्यालय की ‘फर्जी ई-चालानों’ से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। डीजी साइबर क्राइम ने कहा है कि वैध और अवैध एसएमएस की पहचान के बाद ही ऑनलाइन भुगतान करें।

जयपुरSep 26, 2024 / 06:56 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan Police Headquarters Fake e-challans How to Avoid DG Cyber ​​Crime issued Advisory

File Photo

Cyber ​​Crime in Rajasthan : पुलिस मुख्यालय की ओर से यातायात नियमों के उल्लंघन पर नागरिकों को प्राप्त होने वाले ई-चालानों के भुगतान से सम्बंधित लिंक में साइबर ठगों की हेराफेरी के बारे में आम नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। आमजन ‘फर्जी ई-चालानों से बचे तथा वैध और अवैध एसएमएस में अंतर की पहचान कर सके, इसके लिए एडवाइजरी में महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी का समावेश किया गया है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), साइबर अपराध, एससीआरबी एवं तकनीकी सेवाएं हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि वर्तमान तकनीक युग में नागरिकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर उनको ‘ई-चालान- जारी किए जाते है, जो नियमों की अवहेलना करने वाले व्यक्ति के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर एएएमएस द्वारा भेजे जाते हैं। राजस्थान में साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी ई-चालान’ के माध्यम से तकनीकी पेचीदगियों से अनजान लोगों को ठगने के मामले प्रकाश में आए है। आमजन ‘फर्जी ई-चालन’ के माध्यम से होने वाली धोखधड़ी या जालसाजी के शिकार नहीं हो, इसके लिए यह एडवाइलरी जारी की गई है।

ई-चालान का मैसेज कभी वॉट्सएप पर नहीं आता

डीजीपी (साइबर अपराध) ने बताया कि ‘ई-चालन’ऑनलाईन वाहनों के चालान रजिस्ट्रेशन के समय दर्ज मोबाईल नम्बर पर केवल एसएमएस से ही भेजा जाता है। वाट्सएप एप्लीकेशन पर कभी नहीं भेजा जाता है। अधिकृत एसएमएस का ‘हैडर’ केवल VAAHAN ही होता है। इस एसएमएस संदेश में विभाग द्वारा यातायात नियमों से सम्बंधित विवरण और चालान का भुगतान करने के लिए https://echallan.parivahan.gov.in लिंक भेजा जाता है। साइबर ठग इससे मिलते-जुलते नाम (यूआरएल) जैसे .rajasthan, .org से फर्जी ई-चालान बनाकर ठगी का प्रयास कर सकते है। ऐसे में वे नागरिक जिन्होंने यातायात नियमों का उल्लंघन किया ही नहीं हो,उनको भी फर्जी एसएमएस या वॉटसएप मैसेज भेजकर धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा सकता है। उन्होंने नागरिको से अपील की है कि वे फर्जी और वैध एसएमएस की पहचान करके जालसाजी का शिकार होने से बचे।
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कैसे करे वैध एसएमएस की पहचान

हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि ई-चालान के लिए जो मैसेज प्राप्त होता है इसकी वैधता की पहचान या एसएमएस हैडर को जानने के लिए 1909 नम्बर पर एसएमएस भेजा जा सकता है। इसके लिए कोई भी व्यक्ति कैपिटल लैटर्स में DETAILS OF को 1909 नम्बर पर भेज सकता है। जब भी कोई व्यक्ति मैसेज हैडर “VA-VAAHAN” की विश्वसनीयता जांचने के लिए एसएमएस करेगा तो इसके जवाब में उसे “The header VAAHAN has been assigned to the entity Ministry of Road Transport and Highways, Room No. 233, Transport Bhawan, Parliament Street, Delhi, 110001, For service/Transactional Communication” का मैसेज मिलता है। इसके अलावा https://smsheader.trai.gov.in/ के जरिए भी SMS Header को चैक किया जा सकता है।
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mParivahan एप से होता है ई-चालान का भुगतान

डीजीपी (साइबर अपराध) हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि इसके बाद भी यदि भुगतान के लिए प्राप्त ई-चालान पर तनिक भी संदेह हो तो आम नागरिक यातायात पुलिस अधिकारी के पास उपलब्ध ‘पोस मशीन’ पर चालान नम्बर की जांच के बाद भुगतान कर सकता है। इसके अलावा ई-चालान का भुगतान mParivahan एप के माध्यम से भी किया जा सकता है।

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