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जयपुर

“सरकार ने मेरा तो भला नहीं किया, साथी संविदाकर्मियों का भला किया जाए…” आखिर बढ़ गया मानदेय

Jaipur News: आत्महत्या करने वाला मनीष (35) बांदीकुई का रहने वाला था। वह करीब 15 साल से राजस्थान हाईकोर्ट में संविदा पर कार्यरत था। मनीष शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे रोज की तरफ काम पर हाईकोर्ट आया था।

जयपुरSep 28, 2024 / 10:07 am

Akshita Deora

Contract Worker Commits Suicide: राजकीय अधिवक्ता कार्यालय के कर्मचारी मनीष सैनी ने शुक्रवार सुबह यहां राजस्थान हाईकोर्ट परिसर स्थित अपने कार्यालय में आत्महत्या कर ली। पुलिस को उसके पास सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा कि हे भगवान मुझे विजय मिले या वीरगति मिले मैं बहुत परेशान हूं। सरकार ने मेरा भला नहीं किया है, साथी संविदाकर्मियों का भला किया जाए। दूसरी ओर मनीष की मौत की खबर पाकर साथी संविदाकर्मी व मृतक के परिजन मौके पर ही शव के साथ धरने पर बैठ गए। मृतक के आश्रितों को मुआवजा, पत्नी को सरकारी नौकरी और बच्चों को स्नातक तक की पढ़ाई मुफ्त कराने की मांग की गई है। साथ ही राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के कर्मचारियों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में लंबित एसएलपी याचिका को अविलंब वापस लेने को भी कहा। वकीलों ने भी समर्थन में न्यायिक कार्य में भाग नहीं लिया और दोपहर बाद हाईकोर्ट के बाहर रास्ता जाम कर दिया।
पुलिस ने बताया कि आत्महत्या करने वाला मनीष (35) बांदीकुई का रहने वाला था। वह करीब 15 साल से राजस्थान हाईकोर्ट में संविदा पर कार्यरत था। मनीष शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे रोज की तरफ काम पर हाईकोर्ट आया था। हाईकोर्ट के बी-ब्लॉक स्थित थर्ड फ्लोर पर अपील सेक्शन के कमरा नम्बर 306 में मनीष ने फंदा लगाकर सुसाइड किया।
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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा:- पीड़ित परिजन को आर्थिक सहायता दी जाए। हमारे समय संविदाकर्मियों के लिए नियम बनाए, वर्तमान सरकार उसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर संविदाकर्मियों को नियमित करे और उन्हें उचित वेतनमान दिलाए।

दस लाख की सहायता और नौकरी मिलेगी


महाधिवक्ता कार्यालय की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता गुरुचरण सिंह गिल एवं पीड़ित पक्ष की ओर से बांदीकुई निवासी रवीश कुमार सैनी के साथ बीच देर रात समझौता हो गया। इसके बाद सुबह से चल रहा गतिरोध समाप्त करने पर सहमति हो गई।
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महाधिवक्ता कार्यालय की ओर से गिल ने बताया कि मनीष सैनी के परिवार को राज्य सरकार की ओर से दस लाख रुपए सहायता प्रदान की जाएगी। महाधिवक्ता कार्यालय की ओर से एक लाख रुपए का आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। मृतक की पत्नी सीमा कुमारी सैनी को संविदा पर नौकरी दी जाएगी। महाधिवक्ता कार्यालय, राजकीय अधिवक्ता कार्यालय के सभी वकीलों के यहां संविदा पर कार्यरत सभी कर्मचारियों को 1 अक्टूबर से स्टेनो पद के लिए 6900 की जगह 17 हजार रुपए प्रतिमाह, कनिष्ठ लिपिक के लिए 5600 रुपए की जगह 14 हजार रुपए तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं बुक लिफ्टर को 4400 की जगह 11 हजार रुपए दिए जाएंगे।

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