ट्रायल कोर्ट को पुनर्मूल्यांकन कर नए सिरे से भरण-पोषण भत्ता निर्धारित करने के आदेश दिए। मामला भोपाल निवासी दंपती से जुड़ा हुआ है। विपिन कुमार बेलवंशी ने पत्नी से तलाक दिलाने के लिए
भोपाल के फैमिली कोर्ट में आवेदन लगाया।
फैमिली कोर्ट के आदेश को दी चुनौती
इसके जवाब में विपिन की पत्नी ने अंतरिम भरण-पोषण का आवेदन दायर कर दिया। फैमिली कोर्ट ने पत्नी को एकमुश्त 4 लाख रुपए दिए जाने का आदेश पारित किया। साथ ही तर्क दिया कि यह राशि महिला को संवर्धन के लिए दी जा रही है। भोपाल फैमिली कोर्ट के आदेश को महिला ने चुनौती देते हुए पति के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
पति की कमाई एक लाख से ज्यादा
पत्नी ने याचिका में दावा किया कि पति एक माह में 1 लाख रुपए से अधिक कमाता है। 15 एकड़ कृषि भूमि व कई आवासीय संपत्ति भी है। अधिवक्ता ने कहा, ट्रायल कोर्ट को एकमुश्त राशि के बजाय मासिक अंतरिम रखरखाव राशि तय करनी चाहिए। ताकि वह बुनियादी जरूरतें पूरी कर सके। इससे सहमत कोर्ट ने कहा, ट्रायल कोर्ट पत्नी को मासिक मिलने वाले भरण-पोषण की राशि तय करे।