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कभी तीन लाल के इर्द-गिर्द घूमती थी हरियाणा की राजनीति, इस बार कई दल मैदान में

राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में प्रवासियों ने कहा, अब हरियाणा को औद्योगिक विकास की जरूरत

हुबलीSep 28, 2024 / 06:27 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

हरियाणा की नई सरकार से प्रवासियों की उम्मीदें विषयक राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में हिस्सा लेते हरियाणा मूल के लोग।

हरियाणा की नई सरकार से प्रवासियों की उम्मीदें विषयक राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में हिस्सा लेते हरियाणा मूल के लोग।

हरियाणा के तीन लाल कहे जाते रहे हैं। ये तीन लाल है चौधरी भजन लाल, चौधरी बंसी लाल और चौधरी देवी लाल। हरियाणा की राजनीति में तीन लाल का बोलबाला वर्षों तक चला। ये तीनों लाल हरियाणा के कई बार मुख्यमंत्री बने तो पांच दशक तक हरियाणा में राजनीति की धुरी बने रहे। फिर चौथे लाल मनोहर लाल भी जुड़े। हालांकि देवीलाल, बंसीलाल एवं भजनलाल की राजनीतिक विरासत अब भी जारी है। इस चुनाव में भी उनके परिवार के सदस्य चुनावी समर में उतरे हैं। यह वह दौर था, जब हरियाणा की राजनीति की बातें पूरे भारत में होती थी। सबकी जुबान पर बंसी लाल, देवी लाल और भजन लाल का नाम था। चाहे नहरों का जाल बिछाना हो या फिर बिजली और सड़क की सुविधा गांव तक पहुंचानी हो। आज के हरियाणा के पीछे इन्हीं तीनों का हाथ है।
कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी प्रमुख मुद्दे
हरियाणा में 5 अक्टूबर 2024 को 90 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी। हरियाणा में इस बार चुनाव दिलचस्प है। कांग्रेस-भाजपा सरीखे दल तो मैदान में हैं ही। आम आदमी पार्टी के साथ ही इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), जननायक जनता पार्टी (जेजेपी), चन्द्रशेखर की आजाद समाज पार्टी और बसपा भी ताल ठोक रही है। हरियाणा में दस साल से भाजपा की सरकार है। विधानसभा की 90 सीटें हैं। आम आदमी पार्टी सरीखे दल ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। पिछली बार जेजेपी ने भाजपा के साथ गठबंधन किया था। इस बार दोनों की राह अलग है। जेजेपी इस बार आजाद समाज पार्टी के साथ मिलकर लड़ रही है। इनेलो ने बसपा के साथ हाथ मिलााया है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 40 एवं कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थीं। जेजेपी 10 सीट जीतकर तीसरे नंबर पर रही थीं। तब भाजपा ने जेजेपी, हरियाणा लोकहित पार्टी एवं निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बनाई। हालिया लोकसभा चुनाव की बात की जाएं तो हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस एवं भाजपा ने 5-5 सीटें जीतीं। राजस्थान पत्रिका परिचर्चा के दौरान हुब्बल्ली (कर्नाटक) में निवास कर रहे हरियाणा मूल के लोगों ने अपनी बात रखी। हरियाणा मूल के लोगों ने कहा कि इस बार के चुनाव में कानून-व्यवस्था, अग्निपथ योजना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संबंधी कानूनी गारंटी संबंधी किसानों की मांग, बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दे प्रमुख है। राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने परिचर्चा का संयोजन किया। नई सरकार से प्रवासियों की उम्मीदें विषय पर आयोजित परिचर्चा में प्रस्तुत हैं प्रवासियों के विचार:
एक दशक में हुआ अधिक विकास
हरियाणा के हिसार जिले के हांसी तहसील के ढंढेरी गांव के निवासी अजमेर सिंह ने कहा, पिछले करीब एक दशक की बात की जाएं तो हरियाणा में तेजी से विकास हुआ है। खासकर आधारभूत ढांचा बहुत मजबूत हुआ है। खेल के क्षेत्र में हरियाणा ने तेजी से छलांग लगाई है। भ्रष्टाचार कम हुआ है। ढंढेरी सरीखे छोटे से गांव से पिछले 10 साल में करीब 40 युवा सरकारी नौकरी के लिए चयनित हो चुके हैं। इन सभी युवाओं का चयन बिना किसी सिफारिश के केवल अपनी योग्यता के बूते हुआ है। इससे साफ है कि सरकारी भर्ती में दलाली खत्म हुई है। ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे तक बिजली सुलभ हो सकी है। बिजली चोरी पर अंकुश लगा है। हालांकि औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने की दिशा में नई सरकार को पुरजोर काम करने की जरूरत है।
स्वास्थ्य एवं खेल के क्षेत्र में बेहतर काम
हरियाणा के झज्जर जिले के बहादुरगढ़ के रहने वाले अशोक कालीरामणा ने कहा, मेरी पढ़ाई-लिखाई बहादुरगढ़ जिले से ही हुई। हरियाणा में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है। खेल के क्षेत्र में शुरू से ही हरियाणा अग्रणी रहा है। अब भी खेल पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। हालांकि अग्निवीर योजना लागू करने से नई पीढ़ी का खेल की तरफ झुकाव कम होने लगा है। यह योजना एक सीमित समय के लिए है। हरियाणा में लिंगानुपात सुधरा है। हरियाणा के लोग बाहरी राज्यों में ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में अधिक है। विभिन्न जगहों पर सड़कों में भी सुधार हुआ है। नई सरकार को पर्यटन के क्षेत्र में और ध्यान देना चाहिए। हरियाणा पर्यटन के क्षेत्र में उभर सकता है। साथ ही रोजगार का सृजन बढ़ाया जाना चाहिए।
नशे की गिरफ्त में युवा
हरियाणा के जिंद जिले के नरवाणा तहसील के सेंथिली निवासी त्रिलोक शर्मा ने कहा, मौजूदा समय में हरियाणा प्रदेश में युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में जा रहा है। दिल्ली के आसपास लगने वाले इलाके में बड़ी संख्या में युवा नशा कर रहे हैं। पंजाब सीमा से लगते इलाके में भी नशे की लत लग चुकी है। ऐसे हालात पिछले एक दशक में अधिक बने हैं। इस पर रोक लगनी चाहिए। हरियाणा से बड़ी संख्या में लोग ब्रोकरों के जाल में फंसकर उन्हें मोटी रकम देकर अवैद्य तरीके से विदेश में नौकरी के लिए जा रहे हैं। इनमें कई परिवार ऐसे भी है जो उधार पैसे लेकर विदेश में नौकरी के लिए जाने को मजबूर है। कई लोगों ने अपनी जमीनें बेच दीं। नई सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और अवैद्य तरीके से विदेश पहुंचाने वाले ब्रोकरों पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।

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