मान्यता अनुसार इन दिनों में आत्माएं परिजनों से मिलने घर पहुंचती है। आत्मा तृप्ती के लिए श्राद्ध किया जाता है। कौआ यमराज का वाहक है। जो श्राद्ध पक्ष में घर-घर जाकर खाना ग्रहण करते हैं। इसलिए माना जाता है कि यमलोक में इससे पितरों को तृप्ति मिलती है। इनके कम होने के कारण अब बंदर, गाय और अन्य पक्षियों को भोजन का अंश देकर अनुष्ठान किया जाता है।