भारत ने पहला मुक़ाबला चेन्नई में खेला था। जहां लाल मिट्टी की पिच होती है। अब भारत लाल मिट्टी से काली मिट्टी की पिच में खेलेगा। काली मिट्टी की पिच में क्ले की मात्रा अधिक होती है, वह पानी को बेहतर तरीके से सोखती है। जिससे पिच अधिक समय तक बिना दरार के बनी रह सकती है। हालांकि इससे असमान उछाल पैदा होता है और बल्लेबाजों के लिए यह आसान नहीं होगा।
इस पिच पर कम उछाल देखने को मिल सकता है, जिसका असर दोनों टीम के प्लेइंग इलेवन में भी देखा जा सकता है। चेन्नई में पिच से मिली उछाल की तुलना में ग्रीन पार्क की पिच अधिक सपाट होगी और टेस्ट के आगे बढ़ने के साथ ही उछाल भी कम होती चली जाएगी। अगर ऐसा होता है तो यह पिच रैंक टर्नर नहीं होगी।
यह टेस्ट मैच 27 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच खेला जाएगा। मौसम विभाग के मुताबिक कानपुर में 27 सितंबर को 92 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। इसका मतलब है कि कानपुर टेस्ट मैच का पहला दिन बारिश की भेंट चढ़ सकता है। सीके बाद अगले कुछ दिन ओवरकास्ट कंडीशन रहेंगी। इसके अलावा अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है। टेस्ट मैच के दूसरे दिन 80 प्रतिशत तक बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है। जबकि टेस्ट मैच के तीसरे दिन 59 प्रतिशत तक बारिश गिर सकती है।