जानकारी के अनुसार, नई तबादला नीति को जल्द ही लागू किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस नई नीति का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री सचिवालय में भी अनुमोदन के लिए भेज दिया गया है। बता दें कि, प्रदेश में पिछली बार साल 2021-22 में तबादला नीति को लागू किया था और तब की शिवराज सरकार ने इस पर 2023 विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव को देखते हुए प्रतिबंद लगा दिया था। हालांकि, नई तबादला नीति में बहुत से प्रावधान पुराने होंगे, लेकिन इसमें एक नया और प्रावधान है कि इसमें कैबिनेट मंत्री और जिला प्रभारी मंत्री को भी तबादले करने का अधिकार दिया है। इस नई तबादला नीति में कैबिनेट मंत्री और जिला प्रभारी मंत्री 20 फीसदी तक अधिकारी और कर्मचारियों के तबादले कर सकेंगे। ये नई नीति 15 अक्टूबर से 15 दिन के लिए लागू होगी।
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आपको बता दें कि, मंत्रियों द्वारा ये दबाव बनाया जा रहा था कि जल्द से जल्द यानी सितंबर में ही इसे लागू किया जाए। इसके पीछे मंत्रियों का तर्क था कि अक्टूबर में वित्तीय वर्ष के बीच में अधिकारीयों का ट्रांसफर अगर किया जाता है तो वो न्यायालय में जाकर अपने तबादले पर रोक लगवा लेते हैं। इसके अलावा मंत्रियों ने बताया कि जिले के प्रभारी मंत्रियों पर कार्यकर्ताओं का तबादले के लिए बहुत दबाव भी होता है। हालांकि, कैबिनेट मीटिंग के दौरान सीएम मोहन यादव ने इस बात पर चर्चा की और बताया कि अगर इस नई नीति को अभी लागू किया गया तो इसका असर भाजपा के सदस्यता अभियान पर पड़ सकता है। इसके लिए उन्होंने संघठन मंत्रियों से भी चर्चा की है और उनका भी यही मानना है कि अभी संगठन के बहुत से कार्यक्रम चल रहे है तो ऐसे मौके पर इस नीति को लागू नहीं करना चाहिए।