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Israel-Hamas War: गाज़ा में नरसंहार के खिलाफ अमरीका में जबरदस्त विरोध, भारतीय छात्रा समेत कई प्रदर्शनकारी गिरफ्तार

Israel-Hamas War: गाजा में इजरायल के युद्ध का विरोध अब धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल रहा है। यहां तक कि अमेरिका की कई बड़ी नामी-गिरामी यूनिवर्सिटी में गाज़ा में युद्धविराम की मागं के साथ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बीते तीन हफ्ते से लगातार दुनिया की प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय में फिलिस्तीनियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।

नई दिल्लीApr 27, 2024 / 09:21 am

Jyoti Sharma

Israel-Hamas War: Indian Student Arrest From USA For Supporting Palestine

Israel-Hamas War: Indian Student Arrest From USA For Supporting Palestine

Israel-Hamas War: गाज़ा में इजरायली नरसंहार के खिलाफ अब आम लोगों का आक्रोश भड़क उठा है। निर्दोष मासूम बच्चों, महिलाओं समेत हजारों मौतों और लाखों की तादाद में लोग भुखमरी, अकाल (Famine in Gaza) से मर रहे हैं। ऐसे में फिलिस्तीनियों के समर्थन में अमेरिका समेत कई देशों में विरोध प्रदर्शन हो उठे हैं। अमरीका के विश्वविद्यालयों में भी फिलिस्तीन (Palestine) के समर्थन और गाजा में इजरायल के युद्ध में विरोध में जारी छात्र आंदोलन ने गति पकड़ ली है। विरोध प्रदर्शनों के चलते दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (California University) को अपनी ग्रेजुएट सेरेमनी रद्द करनी पड़ी, वहीं देशभर के अन्य यूनिवसिर्टी परिसनों से दर्जनों कॉलेज विद्यार्थियों को हिरासत में लिया गया। 

भारतीय छात्रा भी गिरफ्तार 

प्रिंसटन विश्वविद्यालय (Princeton University) में एक भारतीय मूल की छात्रा अचिंत्य शिवलिंगन को कॉलेज के परिसर में फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया गया है। तमिलनाडु (Tamil Nadu) में जन्मीं अचिंत्य शिवलिंगन को गुरुवार सुबह प्रदर्शन करने और परिसर में तंबू लगाने के चलते गिरफ्तार किया गया। अचिंत्य के साथ एक अन्य छात्र, हसन सईद की भी गिरफ्तारी हुई है। अचिंत्य का विश्वविद्यालय प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। गिरफ्तारी को अन्य छात्रों द्वारा ‘हिंसक’ बताया गया, कथित तौर पर उनकी कलाइयों के चारों ओर जिप टाई लगा दी गई थी। 
विरोध प्रदर्शन न्यूयॉर्क (New York) में कोलंबिया विश्वविद्यालय से शुरू हुआ था जो अब देश भर में पहुंच गया है। पुलिस और छात्रों के बीच टकराव हो रहे हैं, कई विश्वविद्यालयों ने भौतिक क्लासों की बजाय आभासी कक्षाओं में पढ़ाना शुरू कर दिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने प्रदर्शनों को ‘भयानक’ करार देते हुए कहा है कि ‘विश्वविद्यालयों पर भीड़ काबिज हो रही है।’

प्रदर्शन और गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी

पिछले सप्ताह फिलिस्तीन समर्थक छात्र प्रदर्शनकारियों (Israel-Hamas War) ने न्यूयॉर्क के आइवी लीग विश्वविद्यालयों में एक तम्बू शिविर स्थापित किया था। पुलिस ने 18 अप्रेल को डेरा हटाने का प्रयास किया और 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, पुलिस की इस कार्रवाई से छात्रों में गुस्सा भर गया और कोलंबिया सहित देशभर की यूनिवर्सिर्टियों में छात्र एकजुट हो गए। दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने अपना स्नातक समारोह रद्द कर दिया। विश्वविद्यालय में प्रदर्शन के दौरान 90 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रदर्शन से बचने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने अपने गेट सील कर दिए। वहीं,एमर्सन कॉलेज में तम्बू लगाने के आरोप में 108 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

आजादी व जिम्मेदारी में हो संतुलन: भारत

अचिंत्य की गिरफ्तारी से पहले शीर्ष अमरीकी विश्वविद्यालयों में चल रहे फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शन के बारे में भारत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी की भावना में संतुलन होना चाहिए। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम भारतीय विद्यार्थियों के संपर्क में हैं। संबंधित घटनाओं से अवगत हैं। लोकतंत्र में, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारतीय छात्रों से जुड़े ऐसे मुद्दे हैं जिनका समाधान किया जाना है, तो अधिकारी उन पर गौर करेंगे।

शांतिपूर्ण तरीके से किया जाए विरोध: गार्सेटी

भारत में अमरीकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने शुक्रवार को कहा कि अपने दृष्टिकोण को ‘शांतिपूर्ण’ तरीके से व्यक्त किया जाना चाहिए। आपकी अभिव्यक्ति की आजादी किसी के लिए खतरा की तरह महसूस नहीं होनी चाहिए। अगर कुछ भी सीमा से आगे बढ़ जाता है, जहां किसी को व्यक्तिगत रूप से खतरा महसूस होता है। यह कुछ ऐसा है जो अस्वीकार्य है तो कार्रवाई होगी ही। साथ ही लोगों को अपनी राय, अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से व्यक्त करने का अधिकार है।

कौन हैं अचिन्त्य शिवलिंगन?

1. अचिन्त्य शिवलिंगन का जन्म कोयंबटूर, तमिलनाडु में हुआ है और पालन-पोषण कोलंबस, ओहियो में हुआ था।

2. वह प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल डेवलपमेंट में मास्टर ऑफ पब्लिक अफेयर्स (एमपीए) की डिग्री हासिल कर रही हैं।
3. बताया गया है कि अचिन्त्य की नीतिगत मुद्दों में रुचि है। उसने सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में भारत में भूमि अधिकारों और नीति पहलों में भी योगदान दिया है।

क्यों विरोध प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थी

गाजा में युद्ध और इजरायल को अमरीका के समर्थन के विरोध में अमरीका भर के विश्वविद्यालयों में छात्र डेरा डाल रहे हैं। गाजा में स्थायी युद्धविराम का आह्वान करने के साथ-साथ छात्र इजरायल को अमरीकी सैन्य सहायता के खिलाफ और संघर्ष से लाभान्वित होने वाली कंपनियों का विश्वविद्यालयों में निवेश समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। वे इजरायल विरोधी प्रदर्शनों में भाग लेने के लिए अनुशासनात्मक कार्यवाही या निकाल दिए गए छात्रों और शिक्षकों को राहत दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

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