11 दिन पहले ही खरीदी थी नई कार
मनीष शर्मा व सतीश शर्मा दोनों भाई चाय व किराणा की दुकान चलाते थे। 24 अप्रेल को ही नई कार खरीदी थी। नई कार लेने के बाद वे चार मई की रात को करीब डेढ़ बजे सीकर से अपने मित्र कैलाश को लेकर त्रिनेश गणेशजी के लिए निकले। मनीष शर्मा ने अपनी बुआ संतोष देवी निवासी खाटूश्यामजी को रींगस से साथ लिया था।
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पिता की भी सड़क हादसे में हुई थी मौत
मृतक मनीष शर्मा व सतीश शर्मा सगे भाई थे। इनके पिता रामावतार शर्मा की करीब आठ साल पहले सत्यम सिटी में बनाए गए मकान के गृह प्रवेश से करीब 20 दिन पहले एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वहीं मनीष के दादा मुरलीधर शर्मा की करीब सात माह पहले दीपावली से पहले मौत हो गई थी।
पहले हो चुकी चोरी, इसलिए मां को घर छोड़कर गए
दादा मुरलीधर शर्मा की मौत के बाद पूरा परिवार सीकर से गांव मुकुंदगढ़ चला गया था। इस दौरान सत्यम सिटी स्थित मकान में चोरी हो गई थी। इस कारण मनीष व सतीष मां मंजू देवी को गणेशजी के साथ लेकर नहीं गए थे।
मित्र कैलाश को साथ लेकर गए थे मनीष
मनीष का दोस्त कैलाश पुत्र बीरबल जाट के दो बच्चे हैं। वह दासा की ढाणी में मनीष की दुकान के पास ही ही खाद-बीज की दुकान करते थे। दोनों में गहरी दोस्ती थी, इसलिए मनीष अपने मित्र कैलाश को कार चलाने के लिए लेकर गया था। ताकि दोनों मिलकर कार चला सकें।