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गणेश प्रतिमा स्थापना में ध्यान रखें इन बातों का, सदा मंगल होगा

गणेशजी की मूर्ति स्थापना के भी कुछ नियम होते हैं जिन्हें मानने से न केवल भगवान प्रसन्न होते हैं, वरन भाग्य भी खुल जाता है

Sep 05, 2016 / 02:39 pm

सुनील शर्मा

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गणेश चतुर्थी पर भगवान गणपति की प्रतिमा स्थापित कर उनकी आराधना की जाती है। परन्तु क्या आप जानते हैं कि गणेशजी की मूर्ति स्थापना के भी कुछ नियम होते हैं जिन्हें मानने से न केवल भगवान प्रसन्न होते हैं वरन घर के वास्तु दोष के साथ-साथ समस्त प्रकार का दुर्भाग्य भी दूर हो जाता है। आइए जानते हैं गणेश प्रतिमा स्थापना के ऐसे ही कुछ नियम

(1) घर में सुख, शांति तथा सुख-समृद्धि की कामना रखने वाले लोगों को सफेद अथवा सिंदूरी रंग की गणेश प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। इससे घर में सदैव मंगल का माहौल बना रहता है और आगे से आगे सौभाग्य बढ़ता चला जाता है।

(2) यदि घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या फोटो लगी हुई है तो उसके दूसरी ओर ठीक उसी जगह पर दोनों गणेशजी की पीठ मिली होना जरूरी है। अतः वहां पर गणेश की इसी प्रकार की दूसरी प्रतिमा अथवा चित्र लगाने से वास्तु दोष खत्म हो जाते हैं।

(3) इनके अतिरिक्त गणेशजी की शयन करती हुई या बैठक मुद्रा वाली प्रतिमा भी घर पर स्थापित करना शुभ होता है। इसी प्रकार कला या शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए नृत्यरत गणेशजी की प्रतिमा की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है।

(4) घर में सदैव बैठे हुएं तथा बाएं हाथ की तरफ सूंड किए गणेशजी की स्थापना होनी चाहिए। ऐसे गणेशजी जल्दी ही प्रसन्न होते हैं। परन्तु यदि दाएं सूंड वाली गणेश प्रतिमा स्थापित की जाए तो उनकी साधना तथा आराधना बहुत कठिन होती है, अतः घर में ऐसी प्रतिमा स्थापित करने के लिए प्रायः मना किया जाता है।

(5) रविवार को पुष्य नक्षत्र पड़े, तब श्वेतार्क या सफेद मंदार की जड़ के गणेश की स्थापना करनी चाहिए। इसे सर्वार्थ सिद्धिकारक कहा गया है। इससे पूर्व ही गणेश को अपने यहां रिद्धि-सिद्धि सहित पदार्पण के लिए निमंत्रण दे आना चाहिए और दूसरे दिन, रवि-पुष्य योग में लाकर घर के ईशान कोण में स्थापना करनी चाहिए।

(6) गणेशजी को मोदक और उनका वाहन मूषक बेहद प्रिय होता है। इसलिए मूर्ति स्थापना से पहले मोदक (बूंदी के लड्डू) और चूहा (मूषक) को पहले ही ले आएं। प्रतिमा स्थापना के बाद गणेशजी को रोज दूर्वा अर्पित करना चाहिए। दूर्वा चढ़ाकर समृद्धि की कामना के लिए ऊं गं गणपतये नमः का जाप करना चाहिए।

ऑफिस में स्थापित करें ऐसी गणेश प्रतिमा
(1) व्यवसाय या ऑफिस में यदि गणेश प्रतिमा की स्थापना करनी हो तो वर्किंग प्लेस के ब्रह्म स्थान यानी केंद्र में करें। ईशान कोण व पूर्व दिशा में सुखकर्ता की मूर्ति या फोटो लगाना शुभ रहता है। उनका मुंह कभी भी दक्षिण या नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) दिशा की ओर नहीं होना चाहिए।

(2) अपने आफिस में खड़े हुए गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें। इससे कार्यस्थल पर स्फूर्ति और काम करने में उमंग बनी रहेगी। वातावरण भी दफ्तर का अच्छा रहेगा।

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