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जब भी संकट आए, माता के इन नामों का स्मरण करें, तुरंत छुटकारा मिलेगा

मां भगवती के 108 नामों को जब भी स्मरण किया जाता है, उसी समय व्यक्ति के समस्त कष्ट नष्ट हो जाते हैं

Oct 05, 2016 / 01:23 pm

सुनील शर्मा

navratri

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मां आद्यशक्ति की कई रूपों में पूजा की जाती है। ज्योतिष में भी अलग-अलग उद्देश्यों के लिए मां के अलग-अलग रूपों की विधिवत पूजा करने का विधान बताया गया है। इन सभी को करने में अधिक समय चाहिए और पूरे शास्त्रोंक्त ढंग से भी करना होता है जिसके चलते अधिकतर लोग इनसे दूर ही रहते है।

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इस स्थिति का उपाय दुर्गासप्तशती में बताया गया है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार मां भगवती के 108 नामों को जब भी स्मरण किया जाता है, उसी समय व्यक्ति के समस्त कष्ट नष्ट हो जाते हैं। विद्वान पंडितों के अनुसार इन मां की पूजा के लिए किसी विधि-विधान की आवश्यकता नहीं है और न ही किसी कर्मकांड की। केवल सच्चे मन और श्रद्धा के साथ दुर्गा सप्तशती में बताए मां के 108 नामों को एक बार स्मरण कर लें। इसमें केवल 2 से 4 मिनट तक का समय लगता है। सबसे बड़ी बात ज्योहीं आप इन नामों को स्मरण करते हैं, आप के कष्ट दूर हो जाते हैं।

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कैसे करें इन नामों का स्मरण
इन नामों के स्मरण के लिए न तो आपको किसी पूजा-पाठ की जरूरत है, न ही किसी बड़े विधि-विधान की। आपको केवल इन नामों का याद करना होगा। इसके बाद रोजाना सुबह जब भी उठे या नहा-धोकर जैसे भी आपको समय मिले, मन ही मन इन नामों को एक बार दोहरा लें और मां से अपने लिए प्रार्थना करें। आपके सभी काम अपने आप बनने शुरु हो जाएंगे। आइए जानते हैं क्या हैं ये नाम

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मां दुर्गा के 108 नाम

सती, साध्वी, भवप्रीता, भवानी, भवमोचनी, आर्या, दुर्गा, जया, आद्या, त्रिनेत्रा, शूलधारिणी, पिनाकधारिणी, चित्रा, चंद्रघंटा, महातपा, बुद्धि, अहंकारा, चित्तरूपा, चिता, चिति, सर्वमंत्रमयी, सत्ता, सत्यानंदस्वरुपिणी, अनंता, भाविनी, भव्या, अभव्या, सदागति, शाम्भवी, देवमाता, चिंता, रत्नप्रिया, सर्वविद्या, दक्षकन्या, दक्षयज्ञविनाशिनी, अपर्णा, अनेकवर्णा, पाटला, पाटलावती, पट्टाम्बरपरिधाना, कलमंजरीरंजिनी, अमेयविक्रमा, क्रूरा, सुन्दरी, सुरसुन्दरी, वनदुर्गा, मातंगी, मतंगमुनिपूजिता, ब्राह्मी, माहेश्वरी, एंद्री, कौमारी, वैष्णवी, चामुंडा, वाराही, लक्ष्मी, पुरुषाकृति, विमला, उत्कर्षिनी, ज्ञाना, क्रिया, नित्या, बुद्धिदा, बहुला, बहुलप्रिया, सर्ववाहनवाहना, निशुंभशुंभहननी, महिषासुरमर्दिनी, मधुकैटभहंत्री, चंडमुंडविनाशिनी, सर्वसुरविनाशा, सर्वदानवघातिनी, सर्वशास्त्रमयी, सत्या, सर्वास्त्रधारिनी, अनेकशस्त्रहस्ता, अनेकास्त्रधारिनी, कुमारी, एककन्या, कैशोरी, युवती, यति, अप्रौढ़ा, प्रौढ़ा, वृद्धमाता, बलप्रदा, महोदरी, मुक्तकेशी, घोररूपा, महाबला, अग्निज्वाला, रौद्रमुखी, कालरात्रि, तपस्विनी, नारायणी, भद्रकाली, विष्णुमाया, जलोदरी, शिवदुती, कराली, अनंता, परमेश्वरी, कात्यायनी, सावित्री, प्रत्यक्षा, ब्रह्मावादिनी।

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