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पागलपन से पीडि़त लोगों का ध्यान रखेगा डिजीटल असिसटेंट

इंग्लैड औ व्हेल्स में डिमनेशिया यानि पागलपन मौत का सबसे बड़ा कारण बन गया है। ब्रिटेन में 850,000 लोग डिमनेशिया से पीडि़त हैं।

Nov 21, 2016 / 02:33 pm

dementia

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क। पागलपन या मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों को सबसे ज्यादा जरूरत होती है 24 घंटे एक केयरटेकर की। मगर तकनीक के कमाल से अब मानसिक रूप से कमजोर लोगों को डिजिटल असिसटेंट मिल जाएगा।

इंग्लैंड और व्हेल्स डिमनेशिया से हो रही हैं सबसे ज्यादा मौतें

इंग्लैड औ व्हेल्स में डिमनेशिया यानि पागलपन मौत का सबसे बड़ा कारण बन गया है। ब्रिटेन में 850,000 लोग डिमनेशिया से पीडि़त हैं। इन सभी मरीजों की परेशानी को देखते हुए डिजिटल असिसटेंट द इंटरनेट ऑफ थिंग्स तैयार किया गया है। मानसिक रोगियों को दवाइयों की स्मार्ट बोतलें सही समय पर दवाई का सही हिस्सा पिला देंगे। इनकी सेंसर वाली खास कुर्सियों को पता होगा कि आपको कितनी देर बैठाना है। इस डिजिटल असिसटेंट के बारे में हैल्थ सर्विसेज के प्रमुख इद्रिश जाहन ने बताया कुल जनसंख्या में 40वें और 50वें उम्र के पायदान पर बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हे अपने बूढ़े माता-पिता की देखभाल करने के लिए हमेशा रहना पड़ता है। चाहे सभी फोन कॉल और मोबाइल के संदेशों के जरिए अपने बीमार माता-पिता के संपर्क में रहते हैं। मगर इस तरह से बीमार व्यक्ति की पूरी तरह से देखभाल नहीं की जा सकती है।

डिजिटल सेंसर हर जानकारी फैमिली मेंबर्स और डॉक्टरों तक पहुंचाएंगे

मानसिक रूप से कमजोर लोगों के पास अगर कोई दूसरा व्यक्ति ना रहे तो ऐसे लोग खुद को कमजोर महसूस करते हैं। मगर ऐसे में सेंसर, स्मार्ट उपकरण और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से इन लोगों की मदद की जा सकती है। ये सेंसर बीमार की सारी जानकारी परिवारजनों और डॉक्टर तक भी पहुंचाती है। ये सभी एक लूप में जुड़े रहते हैं। इस इनोवेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हेलन रोस्टिल कहते हैं कि हम डिमनेशिया का पूरी तरह से इलाज नहीं कर सकते। ऐसे में इस बीमारी के मरीजों की देखभाल को किया हुआ इनोवेशन बहुत महत्वपूर्ण है। रोस्टिल ने बताया कि अगले दो सप्ताह में 10 वॉलेंटियर हमारे इस उपकरणों को ट्रायल के लिए बाजार में ले जाएंगे। इसकी ट्रायल 700 डिमनेशिया के मरीजों पर होगा। 

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