वाराणसी. पहले बिहार का सत्ता परिवर्तन, फिर गुजरात कांग्रेस टूट के बाद अब यूपी में सपा में सेंधमारी। सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज पर बीजेपी ने कुछ इस तरह गोटियां सेट कीं कि विपक्षियों को सोचने तक का मौका नहीं दिया। यह भी हो सकता है कि एक-दो दिन में इस पॉलिटिकल सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ और धमाके भी हों। सवाल यह है कि यूपी में ये सेंधमारी बीजेपी ने कैसे की। आखिर वो कौन है जिसके जरिये बीजेपी ने इतनी खामोशी से समाजवादी पार्टी में सेंधमारी कर ली। बेशक इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
अमित शाह का दिमाग रहा है पर बिना सूत्रधार के यह संभव नहीं।
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यशवंत सिंह (फाइल फोटो)
गोरखपुर के चिकित्सक हो सकते हैं सपा में टूट के सूत्रधार
समाजवादी पार्टी ने यूं तो यूपी चुनाव 2017 में अब तक की सबसे बुरी हार का सामना किया। बावजूद इसके इसमें ऐसी सेंधमारी की गुंजाइश राजनीतिक पण्डितों तक को नहीं थी। चर्चा है कि सपा में हुई सेंधमारी के पीछे गोरखपुर के एक चिकित्सक का हाथ हो सकता है। जिस चिकित्सक के बारे में बात हो रही है वह कोई नहीं बल्कि खुद एमएलसी यशवंत सिंह के समधी डॉ. ओम प्रकाश सिंह कौशिक हैं। वह काफी लम्बे समय से
योगी आदित्यनाथ के शिष्य और करीबी रहे हैं। हालांकि उनका कोई राजनैतिक दखल नहीं रहा है। पर राजनैतिक हलकों में अनुमान लगाया जा रहा है कि यशवंत सिंह को साधने में शायद उनका भी इस्तेमाल किया होगा।
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यशवंत सिंह के बेटे की शादी में शरीक हुए थे योगी
सीएम
योगी आदित्यनाथ से यशवंत सिंह की निकटता कोई नई नहीं है। विपक्षी पार्टी में रहने के बावजूद भी यशवंत सिंह सीएम योगी से अच्छे संबंध रहे हैं। यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह रिशू की शादी गोरखपुर के मशहूर होमियोपैथी चिकित्सक डॉ. कौशिक की बेटी वंदना सिंह के साथ हुई है। ओम प्रकाश सिंह मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ के शिष्य हैं। विक्रांत सिंह की शादी में
योगी आदित्यनाथ न सिर्फ शरीक हुए बल्कि घंटों वहां मौजूद रहे और द्वारचार कराया। गोरखपुर के व्यावसायी डॉ. कौशिक के बेटे अजय प्रकाश सिंह बताते हैं कि मंदिर से उनके परिवार का बहुत पहले का संबंध रहा है। यह सम्बन्ध भाई-बहनों के जन्म से पहले का है। उनके पिताजी हमेशा मंदिर के करीब रहे। उन्होंने बताया कि बहन की शादी महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के प्रांगण से ही हुई थी, जिसमें
योगी आदित्यनाथ शामिल हुए थे।
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राजा भइया (फाइल फोटो)
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यशवंत सिंह के कहने पर ही भाजपा में गए थे राजा भइया
यशवंत सिंह बीजेपी के लिये नए नहीं हैं। वह भाजपा में कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। सूत्रों बताते हैं कि यशवंत सिंह ही वह नेता हैं जिनके कहने पर राजा भइया ने
मायावती से बगावत कर दर्जन भर से अधिक बसपा नेताओं को तोड़कर कल्याण सिंह की सरकार बचायी थी। हालांकि राजा भइया को बाद में इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी थी।
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