वाराणसी. बीएचयू ट्रामा सेंटर अब स्वास्थ के गौरव को बढ़ाते हुए निरंतर लोगों की सुविधाओं और स्वास्थ के लिए लिए अग्रिम प्रयास करता जा रहा है। घुटने और रीढ़ की हड्डी की सफल आॅपरेशन कर बीएचयू ने बेहतर स्वास्थ सेवाओं में एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। जहां घुटने और रीढ़ की हड्डी का अत्याधुनिक विधि से सफल इलाज किया जा सकता है। साथ ही जन्मजात बच्चों के टेढ़े घुटने को भी नई तकनीकी से ऑपरेशन कर सीधा कर दिया गया है।
अस्थि चिकित्सा विभाग के प्रो. अनिल कुमार ने बताया कि कई बच्चों के जन्म के समय ही घुटना टेढ़ा होता है और आगे की तरफ मुड़ता है। जिसका सफल आॅपरेशन अब बीएचयू में सफलतापूर्वक किया जा सकता है। इसके तहत बीएचयू में हाल में सोनभद्र की 8 साल की कबूतरी की एक घंटे की सर्जरी की और सफलता मिली। बच्ची एक सप्ताह में ही चलने लगी है और उसका पैर सामान्य रूप से पीछे की तरफ मुडने लगा है।
प्रो. अनिल कुमार ने बताया इसी तरह गाजीपुर की 48 वर्षीय नीता सिंह रीढ़ की हड्डी बढ़ जाने से पैर की नशें फटने लगी थी और पेशाब कंट्रोल नहीं होता था। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन थोड़ा लंबा लगभग छह घंटे का होता है। इसमें शून्य पड़े हिस्से को काटकर निकाला जाता है और दोनों हड्डियों को मेटालिक केज से जाम किया गया। और मरीज को पूरी तरह से सफलता मिल सकी।
इसी तरह रुखा देवी, डाफी 60 साल को गठिया हो गया था। आम तौर पर इस तरह के केस में अक्सर नी बदलनी पड़ती थी लेकिन उन्होंने गठियाग्रस्त पैर की फिबुला नाम हड्डी का टुकड़ा काटकर निकाल दिया और महिला फिर से चलने लगी। उन्होंने कहा कि इस तरह के इलाज के लिए लोगों को एम्स और पीजीआई जाना पड़ना था, अब यह ट्रामा सेंटर में ही संभव होगा। इस तरह से स्वास्थ के क्षेत्र में बीएचयू जिस तरह से कामयाबी के पथ पपर चल रहा है वह लोगों के लिए सुखद संभावनाओं को जन्म दे रहा है।
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