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उज्जैन

कश्मीर में शहीद हुआ जवान, दोस्त ने लिखा- ‘आंखें बंद हो रही हैं खोल दो’

कृष्णपाल सिंह सोमवार को कश्मीर में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गये। वह 23 जून को ही छुट्टी से कश्मीर लौटे थे। शहीद ने लिखा था- अपनी तो फौजी जिंदगी है यारों, अंत किसी सरहद पर होगा…

उज्जैनJun 28, 2016 / 04:48 pm

राजीव जैन

Krishan Pal of Nagda killed in kashmir terror atta

Krishan Pal of Nagda killed in kashmir terror attacks

नागदा. शहर के बेटे कृष्णपाल सिंह सोमवार को कश्मीर में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गये। वह 23 जून को ही छुट्टी से कश्मीर लौटे थे। 24 को ड्यूटी ज्वाइन की। सोमवार सुबह भारत-पाक सीमा पर आतंकियों से उसकी मुठभेड़ हो गई। उन्होंने डटकर आतंकियों का सामना किया। इस दौरान दोपहर तीन बजे दो अन्य साथियों के साथ वह शहीद हो गये। हमले में 5 अन्य सैनिक भी घायल हुए हैं।

चचेरे भाई प्रदीप नरूका ने बताया कि कृष्णपाल ने 19 मार्च 2013 को आर्मी ज्वाइन की थी और वर्तमान में राजपूताना रेजीमेंट में तैनात था। उसके शहीद होने की सूचना आर्मी की ओर से फोन पर दी गई, इसके बाद घर सहित पूरे नागदा में मातम छा गया। इसके बाद गवर्नमेंट कॉलोनी स्थित उनके निवास पर रिश्तेदार व परिचित जुटने लगे।

कृष्णपाल तीन भाई-बहन में सबसे छोटा था। बड़ा भाई लोकेंद्रसिंह इंदौर में इंजीनियर है, वहीं बहन गिरीजा (शानू) उज्जैन के एमआईटी में पढ़ती है। तीनों ही भाई-बहन अविवाहित हैं। कृष्णपाल के पिता देवेंद्र नरूका ग्रेसिम के केमिकल डिवीजन में कार्यरत हैं। 
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आंखें बंद हो रही है सर…
कृष्णपालसिंह सिंहस्थ में घर पर ही था। उसने यहां 22 अप्रैल को उज्जैन में शाही स्नान भी किया। इसके खुशनुमा फोटो अपनी फेसबुक वॉल पर शेयर भी किया। इस पर कई दोस्तों ने अपने जाबांज अंदाज में कमेंट भी किए। पर मंदसौर के उनके मित्र लक्की सिंह का एक कमेंट ऐसा था जिसे वो भी ताउम्र नहीं भूल पाएंगे। उन्होंने इनकी फोटो पर लिखा था ‘आंखें बंद हो रही हैं सर खोल लो, राजपूताना रायफल्स में काम नहीं चलेगा। इस पर कृष्ण ने लिखा। चला देंगे भाई।

22 साल में शहादत
3 मार्च 1994 को जन्मे कृष्णपाल ने तीन साल पहले ही आर्मी ज्वाइन की थी। उन्होंने स्कूली शिक्षा आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल से पूरी की है। तीन साल में ही उसके मन में देश सेवा का जज्बा देखते ही बनता था। उसने अपनी फेसबुक वॉल पर कई तस्वीरें भी पोस्ट की थी। वह बार्डर पर तैनात होने के लिए हर समय आगे रहता था। इससे पहले राजस्थान बॉर्डर पर तैनात था। कुछ समय पहले ही घाटी में पोस्टिंग हुई थी।

krishnapal singh

दोपहर तक पहुंचेगी देह
मंगलवार को शहीद की पार्थिव देह दोपहर तक नागदा पहुंचेगी। यहां राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। सोमवार शाम उनका पीएम किया गया। पार्थिव देह हवाई मार्ग से इंदौर और यहां से सड़क मार्ग से नागदा आएगी।

अंत किसी सरहद पर होगा
कृष्णपाल सिंह देश और फ़ौज को लेकर कितने प्रतिबद्ध थे, इसका अंदाजा उनकी फेसबुक प्रोफाइल को देखकर लगाया जा सकता है। नियति देखिए कृष्णपाल ने एक पोस्ट लगाई, जो आज मानों इस जवान को श्रद्धांजलि दे रही होगी – ‘अपनी तो फौजी जिंदगी है यारों, अंत किसी सरहद पर होगा, चिता बारूद से जलेगी, कफ़न तिरंगे का होगा’

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