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उज्जैन

84 महादेव सीरीज : पत्नेश्वर महादेव के दर्शन करें, भूल जाएं बुढ़ापा और रोग

चौरासी महादेवों की शृंखला में 32वें क्रम पर श्री पत्नेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन करने से मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही बुढ़ापे और रोग का भय नहीं रहता।

उज्जैनSep 03, 2016 / 07:56 pm

Lalit Saxena

84-mahadev-series Patneshwar Mahadev Temple ujjain

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उज्जैन. चौरासी महादेवों की शृंखला में 32वें क्रम पर श्री पत्नेश्वर महादेव का मंदिर आता है। इनके दर्शन-पूजन करने से मनुष्य मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही बुढ़ापे और रोग का भय नहीं रहता। श्रावण-भादौ मास में पत्रिका डॉट कॉम के जरिए आप 84 महादेव की यात्रा का लाभ ले रहे हैं।
 
श्री पत्नेश्वर महादेव की महिमा का गान 
श्री पत्नेश्वर महादेव की महिमा का गान स्वयं भगवान शिव एवं महर्षि नारद द्वारा किया गया है जो स्कन्द पुराण में वर्णित है। एक समय भगवान शिव और माता पार्वती कैलाश पर्वत की एक गुफा में विहार कर रहे थे। उस समय पार्वती जी ने कहा कि प्रभु कैलाश पर्वत जहां स्फटिक मणि लगी हुई है, जो अनेक प्रकार के पुष्पों और के के वृक्ष से सुशोभित है, यहां सिद्ध, गन्धर्व, चारण, किन्नर आदि उत्तम गायन करते हैं, जिसे पुण्य लोक की उपमा प्राप्त है, ऐसा मनोरम कैलाश पर्वत आपने क्यों छोड़ दिया? और ऐसा रमणीय कैलाश पर्वत छोड़ कर आपने हिंसक पशुओं से युक्त महाकाल वन में क्यों निवास किया?

त्रिषु लोकेषु विख्यातं द्वात्रिंशत्तममुत्तमम।
विद्धि सिद्धि प्रदं पुंसां पत्नेश्वर मीश्वरम।।


अवंतिकापुरी स्वर्ग से भी अधिक सुखदायी
प्रत्युत्तर में भगवन शंकर बोले- मुझे महाकाल वन और अवंतिकापुरी स्वर्ग से भी अधिक सुखदायी प्रतीत होती है। यहां पांचों गुण- शमशान, शक्तिपीठ, तीर्थ क्षेत्र, वन और उशर है। जहां गीत, वाद्य, चातुर्य की इतनी स्पर्धा है कि स्वर्ग लोक वाले भी उस ज्ञान को सुनने के लिए उत्सुक रहते हैं। ऐसा स्थान तीनों लोकों में नहीं है।




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तभी वहां नारद मुनि आए
तभी वहां नारद मुनि आए। उन्हें देखकर महादेव बोले कि देवर्षि कौन-कौन से तीर्थों का भ्रमण करके आ रहे हैं? कौन सा स्थान आपको सबसे ज्यादा रमणीय लगा? उत्तर देते हुए नारद मुनि कहने लगे मैंने कई तीर्थों एवं मंदिरों की यात्रा की, उनमें अत्याधिक मनोहर, अत्याधिक विचित्र महाकाल वन है। वहां कामना पूर्ण होने के साथ उत्तम सुख की प्राप्ति होती है। वहां सदैव पुष्पों की बहार रहती है एवं सुख प्रदान करने वाली पवन बहती है। वहां मधुर संगीत गुंजायमान है। लोक, अधो लोक, सप्त लोक के लोग वहां पुण्य प्राप्ति के लिए निवास करते हैं। वहां स्वयं भगवान शिव पत्नेश्वर के रूप में विराजमान हैं।

दर्शन का विशेष महत्व
श्री पत्नेश्वर महादेव के दर्शन से मृत्यु, बुढ़ापा, रोग आदि भय एवं व्याधियां समाप्त हो जाती हैं। श्रवण मास में यहां दर्शन का विशेष महत्व है। उज्जयिनी स्थित चौरासी महादेव में से एक श्री पत्तनेश्वर महादेव खिलचीपुर में पीलिया खाल के पुल पर है।

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