चेन्नई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास के द रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रूप फॉर तमिलनाडु के शोधकर्ताओं ने ऐसा सेंसर सिस्टम विकसित किया है, जो अलार्म और रोशनी के जरिए खेत में जानवरों की मौजूदगी की सूचना देकर किसानों को सतर्क करेगा। इसे आईआईटी-मद्रास के छात्र रवि खत्री और एस. सरथ ने मिलकर तैयार किया है।
इसे खेत से 10 मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। जैसे ही कोई जानवर करीब आता है, इसमें लगे सेंसर उसकी उपस्थिति भांप लेते हैं और उपकरण में लगी लाइटें जलने लगती हैं। अलार्म भी बजने लगता है। इससे डरकर जानवर दूर से ही भाग जाते हैं। किसान को भी पता चल जाता है कि खेत में जानवर घुस आया है।
सेंसर सिस्टम करेगा अलर्ट
इस यंत्र में 2 सेंसर लगाए गए हैं। एक पैसिव इंफ्रारेड व दूसरा माइक्रोवेव सेंसर। इसके अलावा एक अलार्म व रोशनी की तकनीक भी लगी है। इसके प्रोटोटाइप का परीक्षण आईआईटी-मद्रास के परिसर में हिरणों की मौजूदगी को जांचने में किया जा रहा है। प्रयोग सफल रहने पर अगस्त में चेन्नई के नेकुत्र क्षेत्र में इसे लगाया जाएगा। इसमें लगे पैसिव इंफ्रारेड सेंसर जानवर के शरीर के तापमान से प्रभावित होता है और माइक्रोवेव सेंसर जानवर की मौजूदगी को भांप लेता है। अभी इस उपकरण को बैट्री से चलाया जाता है। भविष्य में इसे सौर ऊर्जा की मदद से चलाने की संभावना को तलाशी जा रही है।
रख-रखाव आसान
यह उपकरण इस प्रकार से विकसित किया गया है कि एक फसल लेने के बाद, जब खेत खाली हो तो किसान इसे आसानी से निकालकर सुरक्षित रख सकते हैं। जब किसान दोबारा फसल उपजाएं तो इस उपकरण को खेत में फिर से लगा सकते हैं। इस उपकरण की कीमत भी अधिक नहीं है। मात्र दो हजार रुपए में आने वाले इस उपकरण का रख-रखाव भी काफी आसान है। अच्छी बात यह है कि जानवर इस उपकरण का कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता। फिलहाल इस यंत्र को खेत से पांच से दस मीटर की दूरी पर लगाया जाता है।
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