scriptइंजन में फंसा तार, 3 घंटे रुकी टे्रन | Trapped in the engine wire, 3-hour train screeched | Patrika News
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इंजन में फंसा तार, 3 घंटे रुकी टे्रन

यात्रियों ने डिप्टी एसएस से की झूमाझटकी, हिनौता-रामवन स्टेशन पर चार घंटे खड़ी रही जबलपुर शटल

सतनाMay 30, 2015 / 10:31 am

सतना ऑनलाइन

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मानिकपुर-कटनी रेलखंड पर ओवर हेड इलेक्ट्रिक लाइन के तार जबलपुर-रीवा शटल के इंजन में फंस जाने से बवाल खड़ा हो गया। हिनौता रामवन स्टेशन पर चिलचिलाती धूप में चार घंटे तक ट्रेन रोके रहने से यात्रियों का सब्र जवाब दे गया। यात्रियों ने जल्दी ट्रेन चलाने की मांग को लेकर स्टेशन परिसर पर तोडफ़ोड़ और डिप्टी एसएस संग झूमाझटकी की। मौके पर पहुंचे आरपीएफ व जीआरपी के अफसरों ने स्थिति को संभाला यात्रियों का गुस्सा बढ़ते देख शाम चार बजे ट्रेन को रीवा के लिए रवाना किया गया। वाकया शुक्रवार का है।

जबलपुर से रीवा की ओर जा रही 51701 डाउन जबलपुर शटल दोपहर 12 बजे के करीब हिनौता रामवन स्टेशन के समीप पहुंची। ठेकेदारों द्वारा डलवाई जा रही ओवर हेड इलेक्ट्रिक लाइन का तार इंजन में उलझ गया। ट्रेन गति में होने की वजह से तार को खींचती चली गई। ओएचई तार इंजन में उलझते देख चालक ने ट्रेन हिनौता रामवन स्टेशन पर खड़ी कर दी। ओएचई तार को हटाने में रेलवे इंजीनियरों व अफसरों को दो से तीन घंटे लग गए। भूखे प्यास से यात्रियों ने स्टेशन प्रबंधक एके शुक्ला से ट्रेन चलवाने की मांग की। प्रबंधक ने सिग्नल न मिलने का हवाला दे ट्रेन बढऩे नहीं दी, इससे यात्री भड़क गए, उन्होंने स्टेशन परिसर पर तोडफ़ोड़ करना शुरू कर दिया। तोडफ़ोड़ होते देख रेलवे कर्मियों में हड़कंप मच गया। आरपीएफ-जीआरपी यात्रिों को शांत कराया। शाम 3.55 बजे टे्रन को रीवा के लिए रवाना किया गया।

ये कैसा विद्युतीकरण
मानिकपुर-कटनी व सतना-रीवा रेलखंड में बिछाए जा रहे ओवर हेड इलेक्ट्रिक लाइन के तार का कार्य सवालों के घेरे में आ गया है। तारों में करंट दौडऩे से वे टूटने लगे हैं। हिनौता रामवन स्टेशन के समीप भी शुक्रवार को कुछ ऐसा ही हुआ। तार टूटकर इंजन में उलझ गया। इससे पहले पोल के उखडऩे का मामला प्रकाश में आ चुका है। 2016 में पूरे होने वाले विद्युतीकरण का कार्य समय पर पूरा हो, इस जल्दी में रेलवे से अधिकृत ठेकेदार और इंजीनियर मनमानीपूर्ण कार्य करा रहे हैं, लेकिन अफसरों की नजर नहीं पड़ रही।

लापरवाही से भड़का गुस्सा

आकस्मिक स्थिति में मौके पर पहुंचने वाला दुर्घटनायान यदि हिनौता रामवन स्टेशन पहुंचकर टूटे तारों को व्यवस्थित कर लेता तो ट्रेन को चार घंटे तक रोकना नहीं पड़ता। जबकि विद्युतीकरण कार्य के लिए विद्युत इंजीनियरों का एक अलग कोच हर समय तैयार रहता है। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो ट्रेन का संचालन से पूर्व मालगाड़ी को निकाला गया और तारों के टूटने का हवाला देकर ट्रेन को रोकने पर गुस्सा भड़का है। यदि रेलवे अफसर चाहते, तो यात्रियों को चिलचिलाती धूप में परेशान न होना पड़ता।

तीन घंटे का ब्लॉक, निर्माण कार्य पूरा

माध गांव के समीप समानांतर रेलवे क्रॉङ्क्षसग नंबर सात पर चल रहे अंडरब्रिज का निर्माण कार्य शुक्रवार को पूरा हो गया। शुक्रवार को इंजीनियरों ने दोपहर एक से चार बजे तक तीन घंटे का ब्लॉक ट्रैक कटिंग प्रक्रिया के जरिए छह भारी भरकम बॉक्स डाले। चिलचिलाती धूप में युद्धस्तर पर जुटकर एडीईएन राजेश पटेल, वरिष्ठ इंजीनियर एके शुक्ला व सहित अन्य इंजीनियर व कर्मचारियों ने निर्माण कार्य पूरा कराय। एडीईएन पटेल के अनुसार, जल्द ही नवनिर्मित अंडरब्रिज से भारी भरकम वाहनों का आवागमन शुरू हो जाएगा।

यूं रहा घटनाक्रम


-12.20 बजे इंजन में तार उलझा
-12.30 बजे रेंगते हुए स्टेशन पहुंची
-12.55 बजे यात्रियों ने चालक से ट्रेन रुकने की वजह पूछी
-1.35 बजे यात्रियों ने स्टेशन प्रबंधक से ट्रेन चलवाने को कहा
-2.10 बजे के बाद यात्रियों ने तोडफ़ोड़ शुरू कर दी
-2.25 बजे अफसरों के संज्ञान में मामला पहुंचा
-2.30 बजे तक जीआरपी व आरपीएफ मौके पर पहुंची

इंजन में तार उलझने से जबलपुर से आ रही शटल को चार घंटे तक रोका गया था। यात्रियों द्वारा हंगामा किए जाने की जानकारी संज्ञान में आई है। पूरा मामला पता कर रहा हूं।

एमएम शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक

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