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सतना में नदी-नाले उफान पर, घरों में घुसा पानी, बाढ़ में डूबे निचले इलाके

बकिया बराज डैम के सभी गेट खोले गए, निचली बस्ती में भर रहा पानी, लोग जरूरी सामान लेकर सुरक्षित जगह की तलाश में, प्रशासनिक अधिकारी निरीक्षण तक सीमित।

सतनाAug 16, 2016 / 03:29 pm

suresh mishra

Heavy rains

Heavy rains

सतना। जिले में पिछले 36 घंटों से लगातार हो रही भीषण बारिश के कारण लोग घरों में कैद हो गए है। निचली बस्तियों में चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। बाढ़ का पानी बढ़ता देख रहवासी अपनी जिंदगीभर की जमांपूजी छोड़ सुरक्षित ठिकानों की तलाश में पलायन कर रहे है।

जिलेभर की आधा दर्जन नदियां उफान पर है। पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। प्रशासनिक अधिकारी निरीक्षण तक सीमित है। लोगों को प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की राहत मुहैया नहीं कराई जा रही। कई गांवों का बाढ़ के कारण संपर्क टूट चुका है।

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Heavy rains

मंदाकिनी का रौद्र रूप
श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में मंदाकिनी नदी में पहाड़ी क्षेत्रों का लगातार पानी उतर रहा है। चार दिन से चल रही बारिश से मंदाकिनी नदी रौद्र रुप ले रही है। धार्मिक नगरी के कई मंदिर बाढ़ की चपेट में आ गए है। मंदाकिनी में बढ़ रहे जलस्तर के कारण निर्मोही अखाड़ा तक पानी पहुंच चुका है। रामघाट, भरत घाट, जानकी कुंड, आरोग्य धाम में स्थितियां काबू से बाहर हो रही है।

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Heavy rains

मझगवां-पहाड़ीखेरा मार्ग बंद
बारिश के कारण बिरसिंहपुर-सेमरिया मार्ग पर स्थित मऊ नदी पुल से 7 फिट ऊपर पानी चल रहा है। इतना ही नहीं सितावा नदी ने भी कहर ढ़ाना शुरु कर दिया है। बिरसिंहपुर के निचले इलाकों में सैकड़ों घरों में पानी भर गया है। गैबीनाथ डैम खतरे के निशान से ऊपर है। मझगवां-पहाड़ीखेरा रोड़ पूरी तरह बंद हो गया है। एमपी-यूपी सीमा पर स्थित गांवों का एक-दूसरे से संपर्क टूट चुका है।

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ये क्षेत्र प्रभावित
जिले के अमदरा थाना क्षेत्र के टिसकिली कला, नागौद, बिरसिंहपुर, मझगवां, चित्रकूट में सबसे ज्यादा बाढ़ का असर जारी है। जिला प्रशासन की ओर से होमगार्ड के गोताखोर नदी के किनारे के गांवों में जाकर लगातार लोगों को आगाह कर रहे है। निचली बस्तियों के लोगों को उचाई में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है।

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12 locality submerged

बकिया डैम के पूरे गेट खुले
36 घंटों से चल रही बारिश से बकिया डैम का पानी बढ़ता देख 14 के 14 गेट खोल दिए गए है। जिसके चलते सेमरिया क्षेत्र में नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। नदियों के किनारे बसी बस्तियों में रहने वाले लोग घरों को छोड़ ऊंचे स्थानों पर जा रहे है।

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