सेदम. शनिवार की रात से जारी बारिश के कारण सरगुजा के कई नदी-नाले उफान पर हैं। क्षेत्र की मांड नदी भी पुल के लगभग 3 फीट ऊपर से बह रही है। इसकी वजह से बिरिमकेला-महेशपुर मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है। सोमवार की सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक बिरिमकेला-महेशपुर मार्ग पर आवागमन पूर्ण रूप से ठप रहा। इस दौरान कई बड़े-छोटे वाहन पानी के तेज बहाव के बीच ही पार हुए।
सबसे अधिक बाइक सवार लोग जान को खतरे में डालकर पुल से पार हुए। एक यात्री बस चालक ने भी खतरा मोल लेते हुए पुल को पार किया। इसमें बड़ी संख्या में यात्री सवार थे। वहां पुलिस-प्रशासन स्तर पर लोगों को रोकने के लिए किसी की ड्यूटी नहीं लगाए जाने से वाहन सवार अपनी जान खतरे में डालकर पुल पार करने में लगे रहे।
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एक बाइक सवार तो पुल पार करने के दौरान बहते-बहते बचा। दूसरी ओर किसी तरह पहुंचने पर उसने राहत की सांस ली। वहीं नदी के ऊपर से बहने के कारण कई गांवों का संपर्क टूट गया था। इससे ग्रामीणों, स्कूली विद्यार्थियों व शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। देर शाम को नदी का जल स्तर कम होने पर आवागमन प्रारंभ हो सका।
बारिश से सरगुजा बेहाल, नदी-नाले उफान पर, कई सड़क व पुलिया बही
यहां गुमगराकला मार्ग हुआ बंद लखनपुर. सोमवार को गुमगराकला मार्ग पर गणेशपुर के समीप चिटकीपारा पुलिया के तीन फीट ऊपर से पानी चलने के कारण इस मार्ग पर आवागमन बंद हो गया। पुलिया के दोनों ओर घंटों ग्रामीण जल स्तर कम होने का इंतजार करते रहे। इस दौरान उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लगातार हो रही बारिश से क्षेत्र के अन्य नदी-नाले भी उफान पर हैं। कई जगह पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। हालांकि इस बारिश से किसानों को राहत मिली है। तीन दिन से किसान पूरे परिवार के साथ खेत में मेहनत कर रहे हैं।
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15 दिन पहले बनाई गई वैकल्पिक पुलिया बही, कई ग्राम प्रभावित राजपुर. 15 दिन पूर्व पाढ़ी से डवरा को जोडऩे वाली परसाडोल नदी पर सरगवां में पाइप लगाकर वैकल्पिक पुलिया बनाई गई थी जिसके बह जाने से करीब 5 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। पुलिया बह जाने के कारण ग्रामीणों को काफी दूरी तय कर आना-जाना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि परसाडोल नदी पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 168.72 लाख की लागत से पुल निर्माण का कार्य 19 जुलाई 2014 को ठेकेदार सिद्धनाथ चौबे द्वारा प्रारंभ किया गया था।
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लेकिन ठेकेदार की लापरवाही से निर्माण कार्य अभी तक अपूर्ण है। अभी 10 जुलाई नदी पर पाइप लगाकर वैकल्पिक पुलिया का निर्माण किया गया था, वो भी बह गई। इसके कारण सरगवां, लुरगी, सरगढ़ी गोविंदपुर, लिलौटी, अटौरी सहित अन्य गांव के लगभग 5 हजार लोग प्रभावित हुए हैं।
पुल निर्माण में बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन दो पहिया व चार पहिया वाहन फंस रहे हैं। सबसे ज्यादा तकलीफ प्रसूता महिलाओं को हो रही है। इस संबंध में विभाग के कार्यपालन अभियंता ओपी सिंह ने कहा कि बारिश खत्म होने के बाद डायवर्सन मार्ग बनाया जाएगा। बारिश के बाद पुल का भी निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
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स्कूल परिसर में भरा पानी, करनी पड़ी छुट्टी कुसमी. लगातार बारिश से शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुसमी प्रांगण पूरी तरह से जलमग्न हो गया। इसकी वजह से सोमवार को स्कूल की छुट्टी करनी पड़ी। साथ ही बगल में स्थित पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास भवन के सामने भी पानी जमा होने से हॉस्टल तक पहुंचने के लिए छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्राथमिक शाला का प्रांगण भी जलमग्न हो गया है। जल भराव की समस्या से अध्ययन कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा 85 लाख की लागत से बनवाया गया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन तैयार है और विद्यालय को हैंडओवर भी हो चुका है लेकिन इस भवन में अभी कक्षाएं नहीं लग रहीं हैं, क्योंकि इसका उद्घाटन नहीं हो सका है और परेशानी विद्यार्थियों को उठानी पड़ रही है। इस संबंध में विद्यालय के प्राचार्य पीआर सिंह ने कहा कि डीईओ से चर्चा हुई जल्द ही नवनिर्मित भवन में क्लास लगना शुरू हो जाएगा।