सागर.रीवा-इंदौर और जबलपुर-इंदौर इंटरसिटी ट्रेन अब सामान्य बोगियों वाली ट्रेन बन गई है। इसकी शुरुआत शुक्रवार से हो गई। हालही में इन ट्रेनों से एसी व स्लीपर कोच हटाए गए हैं। पूर्व में रेलवे बोर्ड ने इस ट्रेन को बंद करने का भी निर्णय लिया था, लेकिन यह निर्णय वापस ले लिया।
रेलवे ने छह महीने पहले दोनों ट्रेनों का वैरीफिकेशन कराया था। इसके पीछे मंशा रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों की संख्या जानना थी। सर्वे में रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों की संख्या कम पाई। रिपोर्ट के आधार पर ही रेलवे ने यह कदम उठाया है। इधर, रेलवे ने दोनों ट्रेनों में बदलाव तो कर दिया है, लेकिन यात्रियों को वास्तविकता नहीं मालूम है।
रिजर्वेशन साइट पर यात्रियों द्वारा टिकट बुक कराई जा रही है, लेकिन उसमें ट्रेन रद्द होना शो कर रही है। प्रचार-प्रसार न होने से यात्री इस ट्रेन को रद्द मानकर चल रहे हैं। इसका असर टिकट बिक्री पर पड़ रहा है। सागर रेलवे स्टेशन से मिली जानकारी के अनुसार करीब 30 फीसदी टिकट कम बिक रही है।
फैक्ट फाइल
– यात्रियों को रिजर्वेशन के नहीं लगेंगे 15 रुपए
– बुजुर्गों व महिलाओं को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ
– छह बोगियों को एक साथ हटाया
दिसम्बर तक ट्रायल
रेलवे ने इसे ट्रायल के रूप में लिया है। बताया जाता है कि दोनों ट्रेनों को दिसम्बर तक चलाया जाएगा। इसके बाद ही एसी व सिलीपर कोच लगाने पर विचार किया जाएगा। उधर स्टेशन प्रबंधक नरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्हें एसी व स्लीपर कोच हटाने की जानकारी 26 अगस्त को दी गई थी, लेकिन इस ट्रेन में वापस कब बदलाव किया जाएगा, यह जानकारी अधिकृत रूप से जारी नहीं की गई है।
रेलवे को यह निर्णय जल्दबाजी में नहीं लेना था। छह स्लीपर कोच थे। इनमें से चार कोच कम कर सकते थे, लेकिन दो कोच रखना चाहिए थे। बुजुर्गों को रिजर्वेशन न मिलने से परेशानी उठानी पड़ेगी।
जीपी पांडेय, अध्यक्ष पेंशनर्स समाज
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