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सागर

जेएनयू में नारेबाजी: प्रदेश के दोनों केंद्रीय विवि से समर्थन नहीं 

सागर विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. एपी दुबे ने बताया कि देशद्रोह के किसी भी मामले में समझौता नहीं किया जा सकता है।

सागरFeb 17, 2016 / 01:04 pm

Widush Mishra

(डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि शिक्षक संघ ने कहा-देश विरोधी गतिविधियों पर नहीं कर सकते समर्थन, अमरकंटक केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी शांति)

सागर.जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी के विवाद में भले ही देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक संघ का समर्थन मिल चुका हो, लेकिन मध्यप्रदेश के दोनों केंद्रीय विश्वविद्यालय इस मामले को लेकर शांत हैं। सागर विवि शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. एपी दुबे ने बताया कि देशद्रोह के किसी भी मामले में समझौता नहीं किया जा सकता है।

शुक्रवार को होगी बैठक
विवि शिक्षक संघ इस मामले में शुक्रवार को बैठक कराएगा, जिसमें आगे की रणनीति पर निर्णय होगा। दूसरी ओर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय केंद्रीय विवि अमरकंटक के डोआ (डायरेक्टर ऑफ फैकल्टी एफेयर्स) प्रो. आलोक श्रोतिय ने बताया कि विवि में जेएनयू के घटनाक्रम को लेकर कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं किया जा रहा है। 

सम्मान के मामले में समझौता नहीं: प्रो. दुबे
सागर विवि के प्रो. दुबे ने बताया कि जेएनयू घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। अब तक जो आरोप लगे हैं उसमें देशद्रोही बातें ही सामने आईं हैं। एेसी स्थिति में समर्थन करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। जब मामला राष्ट्र के सम्मान से जुड़ा हो। आखिरी फैसला गुरुवार को आयोजित विवि शिक्षक संघ की बैठक में लेंगे। प्रदेश में हैं दो केंद्रीय विवि देश भर में 46 केंद्रीय विवि हैं जिसमें से जेएनयू वाले मामले में विरोध दर्ज कराने को लेकर करीब 40 विवि सामने आ चुके हैं। प्रदेश में डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय केंद्रीय विवि अमरकंटक हैं, जो अब तक जेएनयू मामले से दूरी बनाए हुए हैं। 

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