टमस-बेलन नदी को छलनी कर रहे खनन कारोबारी
कोरांव पुल के निकट घाट पर हजारों घनमीटर प्रतिदिन निकाल रहे रेत
रीवा । जिले में यूपी की सीमावर्ती क्षेत्र में टमस-बेलन नदी में अंधाधुंध रेत का खनन जारी है। दोनों नदियों के संगम के आसपास खनन कारोबारी छलनी कर रहे हैं। यहां घाट पर तीन हजार घन मीटर रेत प्रतिदिन लोड होकर यूपी जा रही है। चाकघाट के पूर्वी छोर पर करीब 13 किमी दूर पर स्थित कोरांव पुल के निकट रेत की निकासी की जा रही है। टमस-बेलन नदी में प्रतिबंध के बावजूद डीह, कोरांव, देवसर आदि घाट पर प्रतिदिन दस हजार घन मीटर रेत का खनन किया जा रहा है।सूचना के बावजूद खनिज विभाग के अफसर अनजान हैं।
7.50 लाख प्रतिमाह रॉयल्टी की चोरी
मनगवां-चाकघाट पर स्थित बघेड़ी चौराहे से पूर्वीछोर स्थित कोरांव पुल के निकट प्रतिबंध के बावजूद करीब दो हजार घन मीटर रेत डंप है। यहां ट्रैक्टर पर रेत लोड कर रहे ननकू केवट ने बताया कि प्रतिदिन करीब 50 ट्रैक्टर, 15 हाइवा और दस की संख्या में दस चक्का रेत लोड करते हैं। औसतन एक दस चक्का ट्रक पर 25 घन मीटर रेत लोड होती है। प्रतिदिन यदि दस ट्रक रेत निकासी की जा रही है तो, एक दिन में 250 घन मीटर रेत बाहर जा रही है।एक दस चक्का ट्रक पर 25 घनमीटर रेत लोड होता है। 100 रुपए प्रति घनमीटर सरकार ने रॉयल्टी की दर तय की है, इस आधार पर रोज 25 हजार रुपए रॉयल्टी की चोरी हो रही है। 30 दिन का औसत लिया जाए तो 7.50 लाख रुपए खजाने को चूना लगाया जा रहा है।
दिन में निकासी और रात को परिवहन
रेत निकासी कर रहे मछुवारों ने बताया कि भोर से शाम ढलते तक रेत की निकासी की जाती है। शाम ढलते ही देररात तक रेत का परिवहन किया जाता है। कुछ परिवहन आस-पास के एरिया में किया जाता है, ज्यादातर रेत यूपी के कोरांव, बड़ोखर, खीरी, लेडिय़ारी भेजी जा रहा है। ट्रक चालक रंजीत साकेत ने बताया कि आस-पास कराए जा रहे निर्माण कार्यों के उपयोग के अलावा यूपी के गांव में रेत भेजी जा रही है।
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